शाश्वत छे नवकार
सिद्धगिरीना शिखरो बोले… ॐ नमो अरिहंताणं...(2)
आदेश्वर नी ध्वजाओ बोले... ॐ नमो सिद्धाणं ...(2)
डूंगर चढ़ता यात्रिक बोले... ॐ नमो आयरियाणं...(2)
रायण पगले दर्शन करता... ॐ नमो उवज्झायाणं...(2)
आदेश्वरनूं मुंखडु जोता... नमो लोए सव्व साहूणं...(2)
दर्शन करता साहू बोलो... ऐसो पंच नमुक्कारो...(2)
नवपद नी महिमा गावो तो, सव्व पावप्पणासणो...(2)
सेठ सुदर्शन नुं मन बोले, मंगलाणं च सव्वेसिं...(2)
धन्ना जय नो अणगार बोले, पढ़मं हवइ मंगलम्...(2)
पढ़मं हवइ मंगलम्... पढ़मं हवइ मंगलम्...(2)
मंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारा...
मंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारा
यह वो जहाज जिसने लाखों को तारा
णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्व साहूणं
अरिहंतों को नमन हमारा, अशुभ कर्म अरि हनन करें
सिद्धों के सुमिरन से आत्मा सिद्ध क्षेत्र को गमन करे
भव भव-२ में ना हो जनम दोबारा,
मंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारा...
आचार्यों के आचारों से निर्मल निज आचार करें
उपाध्याय का ध्यान धरें हम संवारता सत्कार करें
सर्व साधू को... (२)नमन हमारा,
मंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारा...
सोते उठते, चलते फिरते इसी मंत्र का जाप करे
ताप हमारे तो उनका भी छेद अपने आप करें
इसी मंत्र का लेलो सहारा,
मंत्र णमोकार हमें प्राणो से प्यारा...
नवकार जपने से सारे सुख मिलते है
नवकार जपने से सारे सुख मिलते है,
जीवन में, तन मन के, सारे दुःख मिटते है।
मन उपवन में खुशियों के, फूल खिलते है । नवकार।।
अडसठ अक्षर है इसके, हां इसके, हां इसके,
जो ध्याता है दुःख टल जाते उसके, -2
परमेष्टी पांच है पावन, हाँ पावन, हाँ पावन,
नवपद भी है पवित्र,हाँ मन भावन -2 ।
जाप जपो, जपते रहो, बंधन कटते है ।।नवकार।।
पापों से बचकर रहना, हां रहना, हां रहना,
दुःख आये तो हँसते हँसते सहना,-2
नवकार करेंगा रक्षा, हाँ रक्षा, हाँ रक्षा,
ये अरिहंत है प्रसन्नता का नक्शा, -2 ।
जाप जपो, जपते रहो, बंधन कटते है । नवकार ।।
जब कोई हमसे रूठें, हाँ रूठें, हाँ रूठें,
दिल टूटे और रिश्ता कोई छूटे, -२
मन में ना उदासी लाना, ना लाना, ना लाना,
परमेष्टी से दिल का नाता, लगाना, -2
जाप जपो, जपते रहो, बंधन कटते है । नवकार ।
श्री नाकोडा भैरव चालीसा
।।दोहा।।
पार्श्वनाथ भगवान की मूरत चित बसाय
भैरव चालीसा पढ़ूँ गाता मन हर्षाय।।
नाकोडा भैरव सुखकारी, गुण गाये ये दुनिया सारी ॥१॥
भैरव की महिमा अति भारी, भैरव नाम जपे नर – नारी ॥२॥
जिनवर के हैं आज्ञाकारी, श्रद्धा रखते समकित धारी ॥३॥
प्रातः उठ जो भैरव ध्याता, ऋद्धि सिद्धि सब संपत्ति पाता ॥४॥
भैरव नाम जपे जो कोई, उस घर में निज मंगल होई ॥५॥
नाकोडा लाखों नर आवे, श्रद्धा से परसाद चढावे ॥६॥
भैरव – भैरव आन पुकारे, भक्तों के सब कष्ट निवारे ॥७॥
भैरव दर्शन शक्ति – शाली, दर से कोई न जावे खाली ॥८॥
जो नर नित उठ तुमको ध्यावे, भूत पास आने नहीं पावे ॥९॥
डाकण छूमंतर हो जावे, दुष्ट देव आडे नहीं आवे ॥१०॥
मारवाड की दिव्य मणि हैं, हम सब के तो आप धणी हैं ॥११॥
कल्पतरु है परतिख भैरव, इच्छित देता सबको भैरव ॥१२॥
आधि व्याधि सब दोष मिटावे, सुमिरत भैरव शान्ति पावे ॥१३॥
बाहर परदेशे जावे नर, नाम मंत्र भैरव का लेकर ॥१४॥
चोघडिया दूषण मिट जावे, काल राहु सब नाठा जावे ॥१५॥
परदेशा में नाम कमावे, धन बोरा में भरकर लावे ॥१६॥
तन में साता मन में साता, जो भैरव को नित्य मनाता ॥१७॥
मोटा डूंगर रा रहवासी, अर्ज सुणन्ता दौड्या आसी ॥१८॥
जो नर भक्ति से गुण गासी, पावें नव रत्नों की राशि ॥१९॥
श्रद्धा से जो शीष झुकावे, भैरव अमृत रस बरसावे॥२०॥
मिल जुल सब नर फेरे माला, दौड्या आवे बादल – काला ॥२१॥
वर्षा री झडिया बरसावे, धरती माँ री प्यास बुझावे ॥२२॥
अन्न – संपदा भर भर पावे, चारों ओर सुकाल बनावे ॥२३॥
भैरव है सच्चा रखवाला, दुश्मन मित्र बनाने वाला ॥२४॥
देश – देश में भैरव गाजे, खूटँ – खूटँ में डंका बाजे ॥२५॥
हो नहीं अपना जिनके कोई,भैरव सहायक उनके होई ॥२६॥
नाभि केन्द्र से तुम्हें बुलावे,भैरव झट – पट दौडे आवे ॥२७॥
भूख्या नर की भूख मिटावे,प्यासे नर को नीर पिलावे ॥२८॥
इधर – उधर अब नहीं भटकना, भैरव के नित पाँव पकडना ॥२९॥
इच्छित संपदा आप मिलेगी, सुख की कलियाँ नित्य खिलेंगी ॥३०॥
भैरव गण खरतर के देवा, सेवा से पाते नर मेवा ॥३१॥
कीर्तिरत्न की आज्ञा पाते, हुक्म – हाजिरी सदा बजाते ॥३२॥
ऊँ ह्रीं भैरव बं बं भैरव, कष्ट निवारक भोला भैरव ॥३३॥
नैन मूँद धुन रात लगावे, सपने में वो दर्शन पावे ॥३४॥
प्रश्नों के उत्तर झट मिलते, रस्ते के संकट सब मिटते ॥३५॥
नाकोडा भैरव नित ध्यावो, संकट मेटो मंगल पावो ॥३६॥
भैरव जपन्ता मालम – माला, बुझ जाती दुःखों की ज्वाला ॥३७॥
नित उठे जो चालीसा गावे, धन सुत से घर स्वर्ग बनावे ॥३८॥
॥ दोहा ॥
भैरु चालीसा पढे, मन में श्रद्धा धार ।
कष्ट कटे महिमा बढे, संपदा होत अपार ॥३९॥
जिन कान्ति गुरुराज के,शिष्य मणिप्रभ राय ।
भैरव के सानिध्य में,ये चालीसा गाय ॥ ४०॥
आरती
जय जय आरती आदि जिणंदा
नाभिराया मरुदेवी को नंदा जय...Il१ ||
पहली आरती पूजा कीजे,
नरभव पामी ने ल्हावो लीजे जय....||२||
दुसरी आरती दीन दयाला,
धुलेवा नगरमां जग-अजवाला जय....||३||
तीसरी आरती त्रिभुवन देवा,
सूर नर इन्द्र करे तोरी सेवा जय....||४||
चौथी आरती चऊ गति चुरे,
मन वांछित फल शिव सुख पूरे जय....||५||
पंचमी आरती पुण्य उपाया,
मूलचंद ऋषभ गुण गाया जय....||६||
मंगल दीवो
दीवो रे दीवो प्रभु मांगलिक दीवो,
आरती उतारीने बहु चिरंजीवो, दीवो..... ॥१।।
सोहामणु घेर पर्व दिवाली,
अम्बर खेले अमराबाली,दीवो..... ||२||
दीपाल भणे अेने कुल अजवाली,
भावे भगते विघन निवारी,दीवो..... ।।३।।
दीपाल भणे येणे कलिकाले,
आरती उतारी राजा कुमारपाले,दीवो..... ||४||
अम घेर मंगलिक, तुम घेर मंगलिक,
मंगलिक चतुर्विध संघ ने होजो,दीवो..... ||५||
श्री भैरुजी की आरती
ॐ जय जय जयकारा वारि जय जय झंकारा,
आरती उतारो भविजन मिल कर भैरव रखवाला,
वारि जीवन रखवाला । ॐ जय जय जयकारा |
तूं समकिती सुरनर मन मोहक, मंगल नितकारा (वा.म.)
श्री नाकोड़ा भैरव सुन्दर, जनमन हरनारा (वा.ज.) ।।१।।
खडग त्रिशुलधर खप्पर सोहे, डमरु कर धारा (वा.ड.)
अदभूत रुप अनोखी रचना, मुकुट कुण्डल सारा (वा.ज.) ।।२।।
ॐ ह्रीं क्षां क्षः मंत्र बीज युत, नाम जपे तारा (वा.ना.)
ऋद्धि सिद्धि अरु सम्पद मनोहर, जीवन सुखकारा (वा.जं.) ।।३।।
कुशल करे तेरा नाम लिया नित, आनंद करनारा (वा.आ.)
रोग शोक दु:ख दारिद्र हरता, वांछित दातारा (वा जं.) ।।४।।।
श्रीफल, लापसी, मातर, सुखडी, लड्डु, तेल धारा (वा.ल.)।
धूप, दीप, फूल, माल, आरती, नित नये रविवार (वा.नि.) ।। ५ ।।
वैयावच्च करता संघ तेरी, ध्यान अड्ग धारा (वा. ध्यान)
हिम्मत हित से चित्त में धरता, भव्यानन्द प्यारा (वा.ज.)।।६।।
दो हजार के शुभ संवत्सर, पोष मास रसाला (व.पो.)
श्री संघ मिलकर करे आरती, मंगल शिव माला (वा.जं.) ।।७।।
श्री पार्श्वनाथ प्रार्थना
आणी मनसुध आस्था, देव जुहारूँ ,
पार्श्वनाथ मन वांछित पूर, चिंतामणी म्हारी चिन्ता चूर...||१||
अणियाली थॉरी आंखडी, जाणे कमल तणी पांखडी,
मुख दिखता दु:ख जावे दूर, चिंतामणी म्हारी चिन्ता चूर...||२||
को केहने को केहुने नमे, म्हारे मन में तुंही ज रमे,
सदा जुहारूँ उगते सूर, चिंतामणी म्हारी चिन्ता चूर...||३||
मुझ मन लागी तुम सुं प्रीत, दुजो कोई न आवे चित,
कर मुझ तेज प्रताप प्रचूर, चिंतामणी म्हारी चिन्ता चूर...||४||
वीछडिया वालेसर मेल, वैरी दुश्मन पाछा ठेल,
तू छे म्हारे हाजरा हुजुर, चिंतामणी म्हारी चिन्ता चूर...||५||
यह स्तोत्र जे मन में धरे, तेहना चिन्त्या काज सरे,
आधि व्याधि दु:ख जावे दूर, चिंतामणी म्हारी चिन्ता चूर...||६||
भवोभव देजो तुम पद सेव, श्री चिंतामणी अरिहंत देव,
समय सुन्दर कहे सुख भरपूर, चिंतामणी म्हारी चिन्ता चूर...||७।।
श्री भैरव प्रार्थना
आवोजी आवो भैरवनाथ, ओ नाकोड़ा वाले |
तुम हो डूंगरीया वाले, तुम हो घूँघरीया वाले ||
मस्तक मुकुट सोहे, कानो मैं कुंडल सोहे |
गले मोतियन को हार, ओ नाकोड़ा वाले || 1 ||
हाथे खड्गधारी, डमरू की शोभा न्यारी |
चौसठ योगिनी साथ, ओ नाकोड़ा वाले || 2 ||
अष्ट बुझ को धारी, शत्रु को दो सम्हारी |
मेरे तो तुम्ही एक नाथ, ओ नाकोड़ा वाले || 3 ||
तीर्थ नाकोडा सोहे, भव्य जीवो को मोहे |
दीपे भैरव मनोहर, ओ नाकोड़ा वाले || 4 ||
आवोजी आवो भैरव, दरस दिखाओ |
दुःखडा मिटाओ मेरा नाथ ,ओ नाकोड़ा वाले || 5 ||
ध्यान तुम्हारा धारू , काज हमारा सारो |
श्री संघ के सर पर तेरा हाथ, ओ नाकोड़ा वाले || 6 ||
चिंता जी चुरो ने आशा जी पूरो ने ,
नव निधि करो मेरे नाथ,ओ नाकोड़ा वाले || 7 ||
पारस प्यारो लागे
पारस प्यारो लागे नाकोड़ा प्यारो लागे
थारी बकलडी झाड़ी में गेलो भूल्यो मारा पारस जी -(२)
मै गेलो कइया पावला .....
अब डर लागे छे माने बार बार पुकारू थाने
थारा पर्वत री खीनो मै सिंह, धडूके म्हारा पारस जी -(२)
मै गेलो कइया पावला .....
थे राग द्वेष ने त्याग्या, मै आवा भाग्या भाग्या,
थारा पर्वत री भाटा री ठोकर, लागे म्हारा पारस जी -(२)
मै गेलो कइया पावला .....
मै दूर देश थी आविया थारा ऊंचा देख्या माल्या
थारो चढ्यो चढ्यो चढ़ावो प्यारो लाग्यो म्हारा पारस जी -(२)
मै गेलो कइया पावला .....
थे झूठ बोलनों छोडो, थे पूजा करवा दोड़ो ,
थारा पर्वत रा पहाड़ो में गेलो , मिलसी म्हारा पारस जी -(२)
मै गेलो कइया पावला .....
यह है पावन भूमि
यह है पावन भूमि, यहाँ बार- बार आना,
पारसनाथ के चरणों में, आकर के झुक जाना,
यह है पावन.....
तेरे मस्तक पे मुकट है .... तेरे कानो में कुण्डल है,
तू करुणा सागर है ,मुझ पर करुणा करना,
यह है पावन....
तू जीवन स्वामी है.... तू अंतर्यामी है,
मेरी विनती सुन लेना, भवपार लगा देना,
यह है पावन.....
तेरी सावली सुरत है ....मेरे मन को लुभाती है,
मेरे प्यारे प्यारे जिनराज, युग युग में अमर रहे
यह है पावन....
तेरा शासन सुन्दर है..... सभी जीवो का तारक है,
मेरी डूब रही नैया , नैया पार लगा देना
यह है पावन.....
आज रविवार है
आज रविवार है , भैरव तेरा वार है
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है
......आज रविवार है
मेवानगर का राजा तू तो , डुंगरिया का वासी
डुंगरिया का रक्षक बनकर,बैठा मस्त दीवाना
.......आज रविवार है.
मस्तक मुकुट कानो मैं कुंडल, गले मोतियाँ की माला
जग मग जग मग अंगिया सोहे, मुखड़ा पूनम चंदा हो
........आज रविवार है.
धुप दीप से पूजा तेरी, मनोहारी सी लगती है..
पुष्प सुगन्धित चंपा चमेली,अर्पित चरनन करते है
........आज रविवार है.
मन की तम्मना पूरी करता, भक्तो का रखवाला रे
चिंता चूरन आशा पूरण, करता भैरव नाथ रे
........आज रविवार है.
मेवा नगर के वासी हो, तुम इन्द्र पूरी मैं विराजे हो
दूर दूर से आते आते दर्शन कर हर्षाते हो
........आज रविवार है.
करता सेवक अरज चरण मैं, आशा पूरण कर्जो जी
नाकोडा दरबार की विंनती , भक्तो की लाज रखना जी
........आज रविवार है.
मेरे मन में पारसनाथ
मेरे मन में पारसनाथ ,तेरे मन में पारसनाथ -२
रोम रोम में समाया पारस नाथ रे
मेरी सांसो में समाया पारस नाथ रे
जैसे फूलो में सुगंध -२ ,जैसे कलियों में है रंग -२
कतरे कतरे में समाया पारसनाथ रे....
मेरी सांसो...
जैसे नदियों में है गंगा -2,जैसे नभ में सोहे चंदा -२
पत्ते पत्ते में लिखा है पारसनाथ रे ..
मेरी सांसो ...
जैसे शंखेश्वर में धाम ,जैसे जीरावला में धाम
जैसे लुद्रवा जी में धाम ,जैसे नागेश्वर में धाम
जैसे नाकोड़ा बिराजे पारस नाथ रे..
मेरी सांसो में…
जय बोलो महावीर स्वामी की
जय बोलो महावीर स्वामी की ,
घट -घट के अन्तर्यामी की।
जिस जगती का उद्धार किया किया।
जो आया शरण वह पार किया।
जिस पीड़ सुनी हर प्राणी की।
जय बोलो महावीर स्वामी की.......
जो पाप मिटाने आया था।
जिस भारत आन जगाया था।
उस त्रिशला नंदन ज्ञानी की।
जय बोलो महावीर स्वामी की.......
हो लाख बार प्रणाम तुम्हे।
हे वीर प्रभु भगवान तुम्हे।
मुनि दर्शन मुक्ति गामी की।
जय बोलो महावीर स्वामी की.....
आंखड़ी मारी प्रभु हरखाय छे ...
आंखड़ी मारी प्रभु हरखाय छे ...(२)
ज्यां तमारा मुख ना दर्शन थे छे ..(2)
….आंखड़ी मारी
ज्यां तमारा मुख ना दर्शन थे छे ..(2)
….आंखड़ी मारी
देवनुं विमान जाणे ऊतर्युं..(2)
एवुं मंदिर आपनु शोभाय छे ..(2)
एवुं मंदिर आपनु शोभाय छे ..(2)
…..ज्यां तमारा
…...आंखड़ी मारी
…...आंखड़ी मारी
आ संसारे रड़कीने थाकि गयो
भटकिने तारा शरणे आवी गयो...
…..ज्यां तमारा
…...आंखड़ी मारी
भटकिने तारा शरणे आवी गयो...
…..ज्यां तमारा
…...आंखड़ी मारी
चांदनी जेवि प्रतिभा आपनी...
तेज एनो चौ तरफ फैलाय छे …
…..ज्यां तमारा
…...आंखड़ी मारी
…...आंखड़ी मारी
मुखडो जाने पूनम नो चन्द्रमा ...
दिलमातो ठंडक अनेरी ठाय छे ....
…..ज्यां तमारा
…...आंखड़ी मारी
…...आंखड़ी मारी
जगमगता तारला नूं
जगमगता तारला नूं देरासर होजो
एमा मारा प्रभुजी नी प्रतिमा होजो
सोना सोहामना नूं देरासर होजो
सोना सोहामना नूं देरासर होजो
जगमगता तारला नूं….
अमे अमारा प्रभुजी ने मंदिर मां पधारावीशुं
मंदिर ना मले तो अमे मनडा मां पधारावीशुं
मनडा थी सुन्दर भाव म्हारा होजो
मनडा थी सुन्दर भाव म्हारा होजो
एमा मारा प्रभुजी नी प्रतिमा होजो|
जगमगता तारला नूं….
अमे अमारा प्रभुजी ने केसर थी पूजीशुं-२
अमे अमारा प्रभुजी ने केसर थी पूजीशुं-२
केसर न मले तो अमे चन्दन थी पूजीशुं
चन्दन थी सुन्दर कस्तूरी होजो
चन्दन थी सुन्दर कस्तूरी होजो
एमा मारा प्रभुजी नी प्रतिमा होजो|
जगमगता तारला नूं….
अमे अमारा प्रभुजी ने फुलड़ा थी सजावीशुं
फुलड़ा न मले तो अमे कलिया थी सजावीशुं
कलिया थी सुन्दर डमरो होजो
कलिया थी सुन्दर डमरो होजो
एमा मारा प्रभुजी नी प्रतिमा होजो|
जगमगता तारला नूं….
अमे अमारा प्रभुजी ने सोना थी सजविशु
सोनू ना मले तो अमे रूपा थी सजविशु
रूपा थी सुन्दर हीरला होजो
रूपा थी सुन्दर हीरला होजो
एमा मारा प्रभुजी नी प्रतिमा होजो|
जगमगता तारला नूं….
ऊंचा अम्बर थी
ऊंचा अम्बर थी आवोनी प्रभुजी -(२)
दर्शन करवा ने तलसे आंखड़ी -(२)
रुमझुम रुमझुम आवो हो प्रभु जी -(२)
राह जोई मैं रातड़ी
सूरज ने चाँदला ना दिवला प्रकटाविया
टम टमाता तारलाने मार्गे बिछाविया
ऊभि अधीर हूँ तो जोऊ वाटलडी
दर्शन करवा ने तलसे आंखड़ी
ऊंचा अम्बर थी.......
आवो ने नयनो मां थी अमिरत बरसावजो
कापो ने कर्मो म्हारा भक्ति स्वीकार जो
मुखलड़ू जोवा हु तो थयो उतावलो
दर्शन करवा ने तलसे आंखड़ी
ऊंचा अम्बर थी.......
भक्ति ने भाव थी नमन करता
मस्तक अमारू तारा चरणोंमां धरता
आत्तुर तुम संग करता वातलडी
दर्शन करवा ने तलसे आंखड़ी
ऊंचा अम्बर थी......
आवो आवो पारसनाथ
आवो आवो पारसनाथ थारी करू मनुहार
आवो आवो दीनानाथ थारी करू मनुहार
मारा मनड़ा में लागी एक आस जी ...मारे आंगनिये पधारो पारसनाथ जी..-2
थारी मुर्ति मनुहार ,उनपर हीरा जड्यो हार
ओ.. थारे गले में नवलाख हार जी-2
मारे आंगनिये पधारो ...
थारी आंगी लालम लाल ,उनपर फूलो की बहार
ओ.. थारो मुखडो हे पूनम जी रो चाँद जी -2
मारे आंगनिये पधारो ...
नाग अग्नि से बचाया ,योगी कमठ को हराया
ओ.. थारी दुनिया में जय-जयकार जी -2
मारे आंगनिये पधारो ...
हर जनम में दादा तेरा साथ चाहिए
हर जनम में दादा तेरा साथ चाहिए,
सर पे मेरे दादा तेरा हाथ चाहिए -2
सिलसिला ये टूटना नही चाहिए-2
मुझको तो बस इतनी-सी सौगात चाहिए।
मेरी आँखों के तुम तो तारे हो ,
जान से ज्यादा मुझे प्यारे हो।-2
रूठ जाए दुनिया तुम रूठना नही –2
मुझको तेरे प्यार की बरसात चाहिए।
हर जनम.....
तेरी कृपा ना मुझपे कम ना है ,
फिर भी छोटी-सी एक तमन्ना है।-2
मरना जाए दादा तुझे याद करते -2
जीते जी एक तुमसे मुलाकात चाहिए।
हर जनम में....
मेरी दुनिया तुम बसाये हो,
मेरी सांसो में तुम समाए हो ।-2
दिन में साथ-साथ तुम रहो मेरे ,-2
सपनों में भी तुमसे मुलाकात चाहिए।
म्हारा प्यारा पारस नाथ
बैठा नाकोड़ा नगरी में म्हारा प्यारा पारस नाथ -2
मैं तो अर्ज करू दिन रात दर्शन दीजो पारस नाथ -२
मैं तो केशर चन्दन लाऊ अंगिया थोरी मैं रचाऊ
थोरी भक्ति करू दिन रात दर्शन दीजो पारस नाथ
बैठा नाकोड़ा नगरी मैं ......
थोरा भक्त गणेरा आया दर्शन दीजो पारस नाथ
थे तो भक्तो रा ओ नाथ आओ आओ पारस नाथ
बैठा नाकोड़ा नगरी मैं ......
”भक्ति मंडल” चरणों में आवे दर्शन दीजो पारस नाथ
थे तो हर दम रिजो साथ आओ आओ पारस नाथ
बैठा नाकोड़ा नगरी मैं ......
भक्ति की है रात
भक्ति की है रात, दादा आज थाने आनो है,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
दरबार प्रभुवर ऐसो सज्यो प्यारो, दयालु आपको,
सेवा में दादा सगला खड़ा है आज, हूँकुम बस आपको,
सेवा में थारी …….
सेवा में दादा सगला खड़ा है आज, हूँकुम बस आपको,
सेवा में थारी …….
सेवा में थारी, म्हाने आज बिच्छ जानो है,
थाने sकॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
भक्ति की है रात, दादा आज थाने आनो है,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
थाने sकॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
भक्ति की है रात, दादा आज थाने आनो है,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
भक्ति की है तैयारी, भक्ति करा जमकर, प्रभु क्यूँ देर करो,
वादों थारो दादा, भक्ति में आने की घनी क्यूँ देर करो,
भजना सू थाने…….
वादों थारो दादा, भक्ति में आने की घनी क्यूँ देर करो,
भजना सू थाने…….
भजना सू थाने, म्हाने आज रिझानो है,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
भक्ति की है रात, दादा आज थाने आनो है,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
भक्ति की है रात, दादा आज थाने आनो है,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
जो कुछ बनयो म्हासु, अर्पण प्रभु सारो दादा स्वीकार करो,
नादान सू ग़लती होती ही आई है, दादा मत ध्यान धरो,
भक्त यो दादा……..
नादान सू ग़लती होती ही आई है, दादा मत ध्यान धरो,
भक्त यो दादा……..
भक्त यो दादा थारो दास पुराणो है,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
भक्ति की है रात, दादा आज थाने आनो है,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
भक्ति की है रात, दादा आज थाने आनो है,
थाने कॉल निभानो है, भक्ति की है रात,
जनम जनम का साथ
मेरे सर पर रख दो दादा अपने ये दोनों हाथ,
दादा हमको दीजिये जनम जनम का साथ ||
सुना हे हमने शरणागत को अपने गले लगाते हो
ऐसा हमने क्या माँगा देने से गबराते हो
चाहे सुख में हो या दुःख में (2)
बस थामे रखना हाथ ,
दादा हमको दीजिये जनम जनम का साथ
जुलस रहे गम की धुप में प्यार की छाया करदे तू
बिन मांझी के नाव चले नाअब पतवार पकड़ ले तू
मेरा रस्ता रोशन कर दो (2)
छायी अंधियारी रात,
दादा हमको दीजिये जनम जनम का साथ
इसी जनम में सेवा देकर बहूत बड़ा एहसान किया
तू ही मांझी तू ही खिवैया मेने तुझे पहचान लिया
रहे साथ जनम जनमो तक (२)
बस रखलो बात,
दादा हमको दीजिये जनम जनम का साथ
मेरे सर पर रख दो दादा अपने ये दोनों हाथ
दादा हमको दीजिये जनम जनम का साथ ||
जनम जनम का दास हूँ
जनम जनम का दास हूँ, दादा तुम्हारा –(2)
जीवन नैया डोल रही हे, देदो इसे किनारा |
अपने मन मंदिर में, तेरी ज्योत जलाऊँ
अपने मन मंदिर में, तेरा ध्यान लगाऊँ
तुम मेरे स्वामी हो,-(2) में सेवक हूँ तुम्हारा |
जीवन की सुनी राहें, आबाद करो वरदान से
भर दो जीवन में खुशियाँ, अपने चमत्कार से
जीवन में कुछ करने को मांगू, -(2) आशीर्वाद तुम्हारा |
भक्तो की टोली आई, श्रध्दा के पुष्प चढाने
नर- नारी दर पे आए, अपना शीश झुकाने
हम भक्तो अर्ज यही है, -(2) सबको देदो सहारा
एक संदेशा
जाने वाले एक संदेशा मेरे दादा से कह देना |
एक दीवाना याद मै रोये उसको दर्शन दे देना ||
जिसको श्री दादा बुलाते किस्मत वाले होते है |
जो दादा मिल नहीं पाते छिप-छिप कर वे रोते है |
जितनी परीक्षा ली है मेरी और किसी की मत लेना ||
तूने कौनसा काम किया है दर पे तुझे बुलाया है |
मैंने कौनसा पाप किया है दिल से मुझे भुलाया है |
एक बार मुझे दर पे बुला दे इतनी कृपा तो कर देना ||
मुझको तो विश्वास है दिल में मुझे बुलावा आएगा |
श्री भैरव दादा के दर्शन करके जीवन सफल हो जाएगा |
उनसे जाकर इतना कहना मेरा भरोसा टूटे ना ||
नाकोड़ा रा पारस जी
म्हारो बेड़ो लगा दीजो पार, नाकोड़ा रा पारस जी
दुनिया में थारो पर्चो भारी
महिमा अपरम्पार , नाकोड़ा रा पारस जी || म्हारो .....
भेरू जी थाकि चौकी पुरे
जग रा तारण हार, नाकोड़ा रा पारस जी || म्हारो .....
देश देशो रा जातरू आवे
करता जय जय कार, नाकोड़ा रा पारस जी || म्हारो .....
मन वाँछित फल देवो सबने,
जिनवर जगदाधार, नाकोड़ा रा पारस जी || म्हारो .....
जैन अजैन सभी गुण गावे
उतरे भाव जल पार , नाकोड़ा रा पारस जी || म्हारो .....
कर्म भयंकर काटो रे सबरा
करता घणो उपकार नाकोड़ा रा पारस जी || म्हारो .....
मंगलकारी पार्श्व प्रभु जी
तीन भुवन करतार ,नाकोड़ा रा पारस जी || म्हारो .....
मोही मंडल प्रभु गुण गाया
सफल हुओ अवतार नाकोड़ा रा पारस जी || म्हारो .....
नाम है तेरा तारण हारा
नाम है तेरा तारण हारा कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर वह कितना सुंदर होगा (२)
तुमने तारे लाखों प्राणी, यह संतों की वाणी है
तेरी छवि पर मेरे भगवन, यह दुनिया दीवानी है (२)
भावों से तेरी पूजा रचाऊ ,(२)जीवन में मंगल होगा
जिनकी प्रतिमा ….
सुरवर मुनिवर जिनके चरने निशदिन शीश झुकाते हैं
जो गाते प्रभु की महिमा वह सब कुछ पा जाते हैं (२)
अपने कष्ट मिटाने को(२) तेरे चरणों में वंदन होगा
जिनकी प्रतिमा …
मन की मुरादे लेकर स्वामी तेरी चरण में आए हैं
“मोही मंडल” के बालक तेरे ही गुण गाते हैं (२)
भव से पार उतरने को(२) तेरे गीतों का सरगम होगा
जिनकी प्रतिमा...
अजब धुन अर्हम् नी लागी रे…
अजब धुन अर्हम् नी लागी रे-
अजब धुन अर्हम् नी लागी रे
आ धुन मारो आतम गयो जागी रे
अजब धुन अर्हम् नी लागी रे.....
के अर्हम् अणु अणु मां गाजे
के अर्हम् परमाणु मां गाजे
आ धुन मारो आतम गयो जागी रे
अजब धुन अर्हम् नी लागी रे-.....
के अर्हम् रोम रोम मां गाजे रे
के अर्हम् रग रग मां दौड़े रे
आ धुन मारो अर्हम् गयो भागी रे
अजब धुन अर्हम् नी लागी रे-.....
के अर्हम् होठे होठे गाजे
के अर्हम् हइये हइये बिराजे
आ धुन मारो दुर्गुण गयो भागी रे
अजब धुन अर्हम् नी लागी रे-....
के अर्हम् शंखेश्वर मां गाजे
के अर्हम् सिध्दाचल मां गाजे
आ धुन मारो आतम गयो जागी रे
अजब धुन अर्हम् नी लागी रे-....
हे मारी अर्ज सुनो
हे मारी अर्ज सुनो भगवान् पारसनाथ -२
नाकोड़ा रा दादा माने दर्शन दो
ओ में तो भव भव रो दुखियो शरणे आयो दीनानाथ-२
चरणों रो चाकर थोरी सेवा माँगू ओ स्वामी जी -2
हे मारी....
सुखद सुरिलो बचपन खोयो ,खोदी ठुमक जवानी-2
हे माने मार्ग भूल्यो ने दर्शन दीजो दीनानाथ -2
नाकोड़ा रा दादा ...
भव सागर में भमता लाखो दुखियो ने थे तारया-2
ओ मारी क्यूँ न सुनो थे फरियाद वामानन्द.-2
नाकोड़ा रा दादा...
मन वांछित फल पावा ,संगीत मंडल शरणे आयो-2
ओ थोरा सेवक रो पकड़ो हाथ स्वामी नाथ-2
नाकोड़ा रा दादा ....
मुक्ति मले के ना मले
मुक्ति मले के ना मले,मारे भक्ति तमारी करवी छे,
मेवा मले के ना मले,मारे सेवा तमारी करवी छे…
मारो कंठ मधुरो न होय भले,मारो सूर बेसूरो होय भले,
शब्दों मले के ना मले,मारे स्तवना तमारी करवी छे,
मुक्ति मले के...1
आवे जीवनमां तडका छाया,सुख, दुःखना पडे त्यां पडछाया,
काया रहे के ना रहे,मारे माया तमारी करवी छे,
मुक्ति मले के...2
हुं पंथ तमारो छोडु नहि,ने दूर-दूर क्यांये दोडु नहि,
मेवा मले के ना मिले,मारे सेवा तमारी करवी छे,
मुक्ति मले के...3
तू मने भगवान एक वरदान
तु मने भगवान एक वरदान आपी दे,
ज्यां वसे छे तू मने त्यां स्थान आपी दे...
...अन्तरा…
हैं जीयु छू ऐ जगत मां, ज्यां नथी जीवन,
जिन्दगी तुं नाम छे, बस बोझ ने बन्धन,
आखरी अवतार नुं मंडाण मांडी दे,
ज्यां वसे छे तू मने...1
आ भूमी मां खूब गाजे, पाप ना पडघम,
बेसूरी थई जाय मारी, पुण्य नी सरगम,
दिलरुबा ना तार नुं बंधान सांधी दे,
ज्यां वसे छे तू मने...2
जोम तन मां ज्यां लगी छे, सहु करे शोषण,
जोम जाता कोई अहिंया, ना करे पोषण,
मतलबी संसार नुं जोड़ान कापी दे,
ज्या वसे छे तु मने...3
मेरे दोनों हाथों में
मेरे दोनों हाथों में ऐसी लकीर है,
दादा से मिलन होगा मेरी तकदीर है,
लिखा है ऐसा लेख दादा, लिखा है ऐसा लेख...
...अन्तरा…
लिखता है लिखनेवाला सोच समझकर,
मिलना बिछड़ना दादा होगा समय पर,
इसमें मिन न मेख, दादा इसमें मिन न मेख...
मेरे दोनों हाथों में...1
किस्मत का लेख कोई मिटा नहीं पायेगा,
कैसे मिलन होगा समय ही बतायेगा,
मिटती नहीं है रेख, दादा मिटती नहीं है रेख,
मेरे दोनों हाथों में...2
ना वो दिन रहेंगे, ना ये दिन रहेंगे,
दादा तुम देख लेना जल्दी मिलेंगे,
इन हाथों को देख दादा, इन हाथों को देख,
मेरे दोनों हाथों में...3
लाखों भक्त है तेरे
लाखों भक्त है तेरे दादा,
एक और बढ़ा ले, मुझे अपना बना ले…
ये शंखेश्वर का दरबार है सुन्दर,
यहाँ पार्श्व प्रभु का होता है दर्शन,
लाखों दरबार है तेरे दादा,
कहीं मुझको बुलाले (2)...1
अंगियाँ रचाऊं तेरी मैं सुन्दर,
तेरी पूजा करुंगा तेरा सेवक बनकर,
लाखों सेवक है तेरे दादा,
एक और बढ़ाले...2
दुःख संकट ने कापो स्वामी,
पाप हमारा हरजो स्वामी,
लाखों जनों को तारे दादा,
एक और को तिरा दे...3
आश भरीने आव्यो स्वामी
आ...आ...आ...आ...! हो...हो...हो...हो...!
आश भरीने आव्यो स्वामी, भक्ति मा नही राखू खामी,
पुरजो अमारी आश, ओ शंखेश्वरा,
राखजो अमारी लाज, ओ शंखेश्वरा....
तार हो तार ओ प्रभुजी, हुं तो जेवो छु तेवो तमारो,
कोई नथी अही मारु, प्रभु आपी दे मुजने सहारो,
पार करो, उद्धार करो (2), मुझ जीवन नैय्या ने,
ओ शंखेश्वरा, राखजो अमारी लाज, ओ शंखेश्वरा…
भान भुली गयो छु, प्रभु सन्मती तु मुजने देजे,
राह भुली पड्यो छु, प्रभु राह बतावी तु देजे,
दुनियानी माया मां (2), रखड़ी पड्यो छु आज,
ओ शंखेश्वरा, राखजो अमारी लाज, ओ शंखेश्वरा…
आ जगत मां स्वामी क्या रे शांती मली नथी मुझने,
हे दयालु प्रभुजी, हवें आवी बचावी ले मुझने,
तारो छे आधार मने (2), तु जगतारणहार,
ओ शंखेश्वरा, राखजो अमारी लाज, ओ शंखेश्वरा…
दर्शन देजो नाथ
दर्शन देजो नाथ...दर्शन देजो नाथ... ओ...ओ…
दर्शन देजो नाथ...दर्शन देजो नाथ...
भक्तों तमारा तमने पुकारे, दर्शन देजो नाथ (2)...
अंतरनी तमे आशा पुरजो, दुःखडा सहुना हरजो,
दिन दयालु दादा मारा, रक्षा सहुनी करजो ऽऽऽऽ (2),
भुलु ना तने नाथ, छुटे ना तारो साथ (2),
भक्तों तमारा तमने पुकारे…
प्रभु तारा चरणो मां हुं, मांगु तारी सेवा,
शंखेश्वरना पारस म्हारा, हो देवाधिदेवा ऽऽऽऽ(2)
लईये तारु नाम, धरीये तारा ध्यान (2),
भक्तों तमारा तमने पुकारे…
अमी भरेली आंखडी तारी, वरसे अमृतधारा,
कृपानिधी करुणासागर, जगना पालनहारा ऽऽऽऽ(2)
देजो मोक्षगुं धाम, हैये पुरजो हाम (2),
भक्तों तमारा तमने पुकार
तुमसे लागी लगन
तुमसे लागी लगन, ले लो अपनी शरण
पारस प्यारा, मेटो मेटोजी संकट हमारा...
निश दिन तुझको जपुं, परसे नेहा तजु
जीवन सारा, मेटो मेटोजी संकट हमारा...
तुमसे लागी लगन्....१
अश्वसेन के राजदुलारे, वामादेवी के सुत प्राण प्यारे
परसे नेहा तोड़ा जुग से मोह छोड़ा
संयम धारा, मेटो मेटोजी संकट हमारा....
तुमसे लागी लगन....२
इन्द्र और धरणेन्द्र भी आये, देवी पद्मावती मंगल गाये,
आशा पुरो सदा, दुःख नहीं आवे कदा
सेवक तारा, मेटो मेटोजी संकट हमारा....
तुमसे लागी लगन....३
लाखो बार तुझे शीश नमावुं, जगके नाथ तुझे कैसे पावुं
‘पंकज’ व्याकुल भया दर्शन बिन ये जीया
लागे खारा, मेटो मेटोजी संकट हमारा....तुमसे लागी लगन....४
प्रभुजी आछी लागी प्रीतडी
प्रभुजी आछी लागी रे थारी प्रीतडी
मारा मनडा मे, (२) जागी जगमग ज्योत ……...प्रभुजी ||१||
प्रभुजी, थारा दर्शन सु सुख नीपजे
थारी ओलुडी (२) आवे रे घणी आज…………...प्रभुजी ||2||
प्रभुजी, लगनी लागी रे थारा, नाम री, नाम री
मारा अन्तर में, (2) उठे रे हिलोर…………….प्रभुजी ||३||
प्रभुजी, भक्ति करवा रा, घणा कोड है, कोड है
लागो मनड़ा ने (2) मीठा घणा नाथ…………..प्रभुजी ||४||
प्रभुजी थारा वियोगे छाती, धुजती, धुजती
दादा माँगु माँगु (2) थारी मारा नाथ…………..प्रभुजी ||५||
दादा भक्ति मंडल री सुनजो, विनती, विनती
थारा भक्ति मंडल (२) ने, बोलावो थारे पास…..प्रभुजी ||६||
मेरा कसके पकड़ लो हाथ
मेरा कसके...(३) पकड़ लो हाथ
छुड़ाओ तो छुड़ाया नहीं जाये
छुड़ावे तो छुड़ाया नहीं जाये (३)
जब तक जीवन मुझसे दादा ना बदले
बदलने से पहले दावा मेरे प्राण निकले
मेरे सिर पे...(३) रख दो हाथ हटाऊ तो हटाया नहीं जाये
हटाऊ तो हटाया नहीं जाये (३) मेरा कसके...
तमन्ना नहीं मिलने की मिलने के बाद भी
साथ रहना चाहता हूं मरने के बाद भी
तेरा नाम हो दादा आप भुलाऊ तो भुलाया नहीं पाये
भुलाऊं तो भुलाया नहीं जाये (2) मेरा कसके...
समय ना निकालो दादा में जो तेरी बंदगी का
आखिरी दिन हो दादा मेरी जिंदगी का
मेरे दिल पे (३) लिख तेरा नाम मिटाऊं तो
मिटाया नहीं जाये... मिटाऊ रही तो मिटाया (३)
मेरा कसके…
किसने सजाया तेरा दरबार
किसने सजाया तेरा दरबार
बडा प्यारा लागे बड़ा सोणा लागे
चरणों में तेरे करते नमन
बड़ा प्यारा लागे बड़ा सोणा लागे
चरणों में तेरे करते नमन
बड़ा प्यारा लागे बड़ा सोणा लागे
बड़ा प्यारा लागे बड़ा सोणा लागे
ये नाकोड़ा का दरबार है सुन्दर
यहाँ भैरुजी के होते है दर्शन
लाखो दरबार है तेरे दादा
एक और बढ़ा ले मुझे अपना बना ले...
अरे किसने सजाया तेरा दरबार
बड़ा प्यारा लागे लागे रे लागे रे लागे रे
बडा सोणा लागे लागे रे लागे रे लागे रे
भाखरीया डुंगरिया रे
भाखरीया डुंगरिया रे ,भेरू थोरा धोम रा
झीनी झीनी उड़े बालू रेत ,भेरू सुखदाई ओ ।।
माला जपता रे भेरू थोरा नोम री ,
धीरे धीरे होव पूरा काज ,भेरू मतवालों रे ।।
जात देवनने रे आई थोरा ओंगने,
रखो थे टाबरिया री लाज ,भेरू दिलवालो रे।।
नोबत ने नगाड़ा रे ,बाजे थोरा ओंगणे,
उभी उभी जोऊ थोरी वाट ,भेरू रखवालों रे।।
पराने पधारे रे भेरू जोवू वाट जी,
कोई थोरी करू मनवार,भेरू मतवालों रे।।
पलकें ही पलकें हम बिछायेंगे
पलकें ही पलकें हम बिछायेंगे,
जिस दिन मेरे प्रभुवर घर आएँगे…
हम तो है प्रभुवर के जन्मो से दीवाने (२)
मीठे मीठे भजन सुनाएंगे… जिस दिन प्रभुवर घर आएँगे
घर का कोना कोना, मैंने फूलों से सजाया,
तोरण हार बंधाई, घी का दिया भी जलाया,
खुशबू ही खुशबू हम फैलाएंगे,
जिस दिन मेरे प्रभुवर घर आएँगे..
दूध और जल से, दादा के चरण परवाऊ,
फूलों से, मैं भैरुजी की अँगिया रचाऊँ,
भक्तजनों को, हम बुलाएँगे,
जिस दिन मेरे प्रभुवर घर आएँगे..
अब तो एक ही लगन लगी है, प्रेम सुधा बरसा दो,
जन्म जन्म की मैली चादर, अपने रंग रंगा दो,
सभी भक्त मिलकर गीत गाएँगे, जिस दिन मेरे प्रभुवर घर आएँगे..
जब कोई नहीं आता
जब कोई नहीं आता, मेरे दादा आते हैं,
मेरे दुख के दिनों में वो, बड़े काम आते हैं।
मेरी नैय्या चलती है, पतवार नहीं चलती
किसी और की अब मुझको, दरकार नहीं होती।
मैं डरता नहीं जग से, जब दादा साथ में है - 2
मेरे दुख के दिनों में वो...
जो याद करे उनको, दुःख हल्का हो जाये,
जो भक्ति करे उनकी, ये उनके हो जायें।
ये बिन बोले कुछ भी पहचान जाते हैं -2
मेरे दुख के दिनों में वो...
ये इतने बड़े होकर, दीनों से प्यार करे,
अपने भक्तों के दुःख को, प्रभु पल में दूर करे,
सब भक्तों का कहना, प्रभु मान जाते हैं - 2
मेरे दुख के दिनों में वो…
मेरे मन के मंदिर में, दादा का वास रहे,
कोई पास रहे ना रहे, दादा मेरे पास रहें
मेरे व्याकुल मन को, ये जान जाते हैं -2
मेरे दुख के दिनों में वो...
केसरीयो
(तर्ज : धुलेवा नगरी में मारो....)
धुलेवा नगरी में मारो केसरीयो बिराजे,
इन कालिया बाबा रो परचो भारी जी हो
घणी घणी खम्मा रे, धुलेवा केरा नाथ रे
धुलेवा नगरी में……..
ऋषभ देव थारो मोटो नाम गवीजे,
इण मेवाड़ी धरती में डेरो दीधो जी हो
घणी घणी खम्मा रे......
भील, गरासिया पूजन करने,
मन में तो घणा हर्षावे जी हो
घणी घणी खम्मा रे......
घणी घणी खम्मा मारा, नाथ केसरिया,
सोने री धरती में शासन, छायो जी हो
घणी घणी खम्मा रे......
काला रे गोरा दोय भैरव बिराजे,
बटुक भैरव को परचो भारी जी हो
घणी घणी खम्मा रे......
केसरीया रा नाथ थारा दर्शन करवा,
जात्रालु नित घणा आवे जी हो ।
घणी घणी खम्मा रे......
‘मोही मण्डल’ भावना भावे,
यो ‘मण्डल’ घणो सुख पावे जी हो
घणी घणी खम्मा रे.....
मनवा
(तर्ज : बन्ना रे बागों में झुला.....)
मनवा रे झुमन मारा लाग्या (2)
मारा हिवडेरी, मारा जिवडेरी
मारा मनडेरी, कोयल बोले..
वाला पार्श्वप्रभुजी.....
डोरी रे जीवरी, थांसू बांधी (2), मारा हिवडेरी, मारा जिवडेरी
मारा मनडेरो मोरयो नाचे..... वाला पार्श्वप्रभुजी......
प्रभुजी रो रंग घणोरे लाग्यो (२),मै चटपट, मै झटपट
मै थाने ध्याने आऊ..... वाला पार्श्वप्रभुजी....…
जागी रे भक्ती तन मा जागी,मांगु चरणोरी, मांगु चरणोरी
मांगु चरणो री सेवा देजो....... मारा पार्श्वप्रभुजी.....
आयो रे मोही मंडल आयो,प्रभु दर्शन पार्श्व दर्शन
थारा दर्शन रोज करवा...... मारा पार्श्वप्रभुजी.....
नाकोडावाले पारस दादा
(तर्ज : शिरडीवाले साईबाबा....)
“जमाने में कहां टूटी हुई तस्वीर बनती है,
तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तकदीर बनती है।
तारिफ तेरी निकली है दिल से,
आये है लब पे बन के कव्वाली
नाकोड़ा वाले पारस दादा, आये हैं तेरे दर पे पुजारी,
मन में आशा मिलती निराशा, दिल में उम्मीदें पर झोली खाली
नाकोड़ा वाले….
सुनो ओ पारस देवा, तेरे सब नाम लेवा,
जमाने में है सारे, सभी है तुझको प्यारे,
तुम्हे फरीयाद सबकी, तुझे है याद सबकी,
बड़ा या कोई छोटा, नहीं मायूस लौटा,
अमिरों का सहारा, गरीबों का सहारा,
तेरी महिमा की बाते, हम सब करे क्या,
दो दिन की दुनिया, दुनिया है निराली,
सब फूल कांटे, तू सबका माली
नाकोड़ा वाले....
जगत की शान तुझमें, दिखे है मोक्ष तुझमें (२),
तुझे सब मानते हैं, तेरा घर जानते हैं,
चले आते है दौड़े, जो खुश किस्मत है थोड़े,
तू हर राही की मंजिल, तू हर कश्ती का साहिल,
जिसे सबने निकाला, उसे तूने संभाला (2)
तू बिछड़ो को मिलाये, बुझे दिपक जलाये,
ये गम की दुनिया, दुनिया है झाली,
भर दे तू मेरी झोली ये खाली.....
नाकोड़ा वाले.... पारस दादा.....
मन्दरिया रो आडो
(तर्ज : राजस्थानी गीत)
मन्दरिया रो आडो खोलो महाराज
नाकोडा रा भेरुजी
मै तो दर्शन करवा आयो महाराज
नाकोडा रा भेरुजी
मेवानगर में थोरो बेसणो, हो हो हो मारा भेरुजी
ये तो अंबाडी रा घोरा महाराज, नाकोडा रा भेरुजी
मन्दरिया....
दुखिया ने सुखीया द्वारे आवे, हो हो हो मारा भेरूजी
टाबरीया ने होरा राखो महाराज, नाकोडा रा भेरुजी
मन्दरिया....
मस्तक मुकुट कानों में कुंडल, हो हो हो मारा भेरुजी
थोरे गले मोतीयो री माला महाराज, नाकोडा रा भेरुजी
मन्दरिया...
ढोलक तबला नौबत बाजे, हो हो हो मारा भेरुजी
ये तो डम डम डमरु बजावो महाराज, नाकोडा रा भेरुजी
मन्दरिया....
सुण भक्तो दौड़ा आवे, हो हो हो मारा भेरुजी
मारा मन मन्दिर वसिया महाराज, नाकोडा रा भेरुजी
मन्दरिया..
‘मोही मण्डल’’ थोरा गीत गावे, हो हो हो मारा भेरुजी
नाकोड़ा दरबार में आवीया महाराज, नाकोडा रा भेरुजी मन्दरिया....
रूम झूम करता पधारो
रूम झूम करता पधारो मारा भेरू जी
थोरा बालुडा जोवे है थोरी बाट,
पधारो मारा भेरू जी
मेवानगर दादा आप बिराजो,
थोरी महिमा अपरम पार,
पधारो मारा भेरू जी...
हाथ में त्रिशूल थोरे खप्पर शोभे
थोरा डम डम डमरू आवाज,
पधारो मारा भेरू जी...
मेवा मिठाई थोरे तेल चढ़े है,
थे तो भक्तो री पूरो सब आस,
पधारो मारा भेरू जी...
मारवाड़ ध्यावे थाने गोडवाड़ ध्यावे
थाने ध्यावे है आखो मेवाड़,
पधारो मारा भेरू जी...
मोही मंडल दादा थोरे चरने आयो
दादा माथा ऊपर राखजो हाथ,
पधारो मारा भेरू जी…
थोरा बालुडा जोवे है थोरी बाट,
पधारो मारा भेरू जी
मेवानगर दादा आप बिराजो,
थोरी महिमा अपरम पार,
पधारो मारा भेरू जी...
हाथ में त्रिशूल थोरे खप्पर शोभे
थोरा डम डम डमरू आवाज,
पधारो मारा भेरू जी...
मेवा मिठाई थोरे तेल चढ़े है,
थे तो भक्तो री पूरो सब आस,
पधारो मारा भेरू जी...
मारवाड़ ध्यावे थाने गोडवाड़ ध्यावे
थाने ध्यावे है आखो मेवाड़,
पधारो मारा भेरू जी...
मोही मंडल दादा थोरे चरने आयो
दादा माथा ऊपर राखजो हाथ,
पधारो मारा भेरू जी…
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं
नाकोड़ा वाले सुन लेना एक सवाल दीवाने का,
अगर समझ में आ जाए, तो भक्तो को समझा देना ।
हमने अपना नियम निभाया-2 , नाकोड़ा दरबार आने का,
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥
अगर समझ में आ जाए, तो भक्तो को समझा देना ।
हमने अपना नियम निभाया-2 , नाकोड़ा दरबार आने का,
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥
जिसका घर छोटा सा हो, क्या उसके घर नहीं आते,-2
या फिर मुझसे प्रेम नहीं, क्यों मेरे घर नहीं आते ।
अब इतना बतलादो दादा कैसे तुझे मनाने का,
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥
या फिर मुझसे प्रेम नहीं, क्यों मेरे घर नहीं आते ।
अब इतना बतलादो दादा कैसे तुझे मनाने का,
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥
ऐसा रास्ता ढूंढ़ लिया रोज मिले तो चैन आए,-2
इक दिन मिलने तुम आयो, इक दिन मिलने हम आए ।
अब तो पक्का सोच लिया घर नाकोड़ा में बनाने का,
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥
इक दिन मिलने तुम आयो, इक दिन मिलने हम आए ।
अब तो पक्का सोच लिया घर नाकोड़ा में बनाने का,
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥
जिसका जिसका घर देखा वो क्या तेरे लगते हैं,-2
रिश्तेदारी में दादा वो क्या हमसे बढ़के हैं ।
क्या मेरा हक्क नहीं बनता है तुझको घर पे बुलाने का,
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥
रिश्तेदारी में दादा वो क्या हमसे बढ़के हैं ।
क्या मेरा हक्क नहीं बनता है तुझको घर पे बुलाने का,
दादा तेरा क्या फ़र्ज़ नहीं भक्तो के घर आने का ॥
आवोजी भेरूजी म्हारे पोमना
आवोजी भेरूजी म्हारे पोमना जी ओ राज
भेरूजी थारे भक्त नो रहवास
वेगा नई वेगा आवजो जी ओ राज
भेरूजी म्हाने दर्शन दीजो आज
मेवानगर में बिरजिया जी ओ राज
भेरूजी थारी महिमा अपरम्पार
दुखिया रे सुखिया आविया जी ओ राज
भेरूजी थे तो उतारो भव सूं पार
घणा उमंग थी आविया जी ओ राज
में तो नाकोड़ा रे द्वार
हाथ जोड़ थाने अर्ज करु जी ओ राज
भेरूजी म्हारी सुनजो थे पुकार
केसर सु भरियो वाटको जी ओ राज
में तो आया पूजा रे काज
गुलाब चम्पो केवड़ो जी ओ राज
भेरूजी थारे चढ़े सुखड़ी रो थाल
आवोजी भेरूजी म्हारे पोमना जी ओ राज
भेरूजी थारे भक्त नो रहवास
वेगा नई वेगा आवजो जी ओ राज
भेरूजी म्हाने दर्शन दीजो आज
मेरे घर के आगे दादा
मेरे घर के आगे दादा तेरा एक मंदिर बन जाए
जब खिड़की खोलूँ तो तेरा दर्शन हो जाए |
जब आरती हो तेरी तो मुझे घंटी सुनाई दे
मुझे रोज सवेरे दादा तेरी मूरत दिखाई दे
जब भजन करेगा कोई मुझको भी सुनाई दे |
मै आते जाते दादा तुझको प्रणाम करूँगा
जो मेरे लायक होगा वो तेरा काम करूंगा
तेरी सेवा करने से मेरी किस्मत खुल जाए |
मेरे दादा तेरा पल्ला कभी नहीं छोडूंगा
मै कभी तेरे दर से यह मुँह नहीं मोडूँगा
तेरे चरणों में रह कर मेरी तक़दीर बदल जाए
नजदीक रहेंगे दोनों और आना जाना रहेगा
हम दोनों का मेरे दादा बस एक ठिकाना रहेगा
सदा साथ रहे हम दोनों जल्दी वो दिन आए
तेरी छतरी के निचे हूँ
छायी काली घटा है तो क्या ,तेरी छतरी के निचे हूँ मै
आगे-आगे ये चलता मेरे भेरू दादा के पीछे हूँ मै
उसने पकड़ा -(२) मेरा हाथ है तो फिर डरने की क्या बात है
तेरी महिमा का वर्णन करुँ मेरी वाणी मै वो दम नहीं
जबसे इनका सहारा मिला अब सताए कोई गम नहीं
मेरे सर पे-(२) तेरा हाथ है तो फिर डरने की क्या बात है
चाहे काली घटा छायी है.....
जहाँ लगती आनंद की झड़ी ऐसी महफ़िल सजाता हूँ मैं
कोई क्युँ ना दीवाना बने ऐसे झलवे दिखता है ये
ये करता करामात है तो डरने की क्या बात है
चाहे काली घटा छायी है......
क्युँ मैं भटकु यहाँ से वहाँ इसके चरणों में है बैठना
झूठे स्वार्थ के है रिश्ते सभी कहने से है रिश्ता बना
ये करता मुलाकात हैं तो फिर डरने की क्या बात है
ओ भेरू जी तेरो भक्त बनु मैं
ओ भेरू जी तेरो भक्त बनु मैं,
थारो सेवक बनु मैं हरपल तेरे साथ रहूं मैं
सावन का महीना होगा उसमे होगी राखी -(२)
तू राखी, तेरी डोर बनु मैं -(२)
हरपल तेरे साथ रहूं मैं
भादव का महीना होगा उसमे होगी बारिश
तू बादल तेरी बून्द बनु मैं -(२)
हरपल तेरे साथ रहूं मैं
कार्तिक का महीना होगा उसमे होगी दिवाली
तू दीपक तेरी ज्योत बनु मैं -(२)
हरपल तेरे साथ रहूं मैं
फागुन का महीना होगा उसमे होगी होली
तू पिचकारी तेरा रंग बनो मैं
हरपल तेरे साथ रहूं मैं
ओ भेरू जी तेरो भक्त बनु मैं,……….
नाकोड़ा का नाथ
नाकोड़ा का नाथ है, हमारा तुम्हारा -(२)
पार्श्व प्रभु के दर्शन पावे, जीवन हो सुखकारा ||
नाकोड़ा का ......
कैसी सुन्दर काया, भक्तो के मन भाये
कानो में कुण्डल डोले ,मस्तक मुकुट सुहाए
मन की इच्छा पूरी होवे, आये द्वार तिहारा
नाकोड़ा का ......
इस तीर्थ के कंकर, पत्थर हम बन जाए
भक्त हम पर चलकर, प्रभु दर्शन को आए
सच्चे मन से ध्यान लगाए, होवे जग से न्यारा
नाकोड़ा का ......
तीर्थ के दर्शन को, भक्त हज़ारो आये
करके प्रभु का पूजन, अपने पाप खपाए
भक्ति मंडल को तारो, तारो तारणहारा
नाकोड़ा का ......
भेरू तुझे मिलने का
भेरू तुझे मिलने का भेरू भक्ति बहाना है
दुनिया वाले क्या जाने मेरा दिल तो दीवाना है
गुजरात में ढूंढा तुझे राजस्थान में पाया है
ऊंचा ऊंचा डूंगर पर, भैरवनाथ का बसेरा है
भेरू तुझे मिलने का…..
मेवाड़ में ढूंढा तुझे मालोनी में पाया तुझे
लीलि केरी झाड़ियों में ,भैरवनाथ का बसेरा है
भेरू तुझे मिलने का…..
बीरमपुर ने ढूंढा तुझे नाकोडा में पाया है
पार्श्व प्रभु के चरणों में ,भैरवनाथ का बसेरा है
भेरू तुझे मिलने का…..
तुम्हीं मेरे माता पिता तुम्हीं मेरे बंधु सखा
दुनिया वाले सब जाने ,मंडल मन बसेरा है
भेरू तुझे मिलने का…..
मंदिर सज गया प्यारा- प्यारा
मंदिर सज गया प्यारा प्यारा दादा तुमको आना है
आना आना है प्यारा प्यारा दरबार सजाना है
आओ आओ स्वागत में हम, पलकों को बिछाएंगे-2
खुशबू के झोंको से सारे ,मंदिर को महकाएंगे,- 2
अब तो आजाओ भेरू जी, हो....2,यहाँ सब को नचाना है
मंदिर सज गया प्यारा …
भेरू जी की भक्ति सारे भक्तो में फैलाएंगे- २
भैरु जी की प्यारी ज्योति मनमंदिर में जगाएंगे - २
अब तो आहिस्ता आहिस्ता हो....2,प्रेम बढ़ाना है
मंदिर सज गया प्यारा …
मेवानगर के राजा तुमको सारी दुनिया ध्यावे -२
सच्चे मन से ध्यावे जो मन इच्छित फल पावे -2
भैरव के चरणों में हमको....2, शीष झुकना है
मंदिर सज गया प्यारा …
नाकोड़ा रा मेला ऊपर
नाकोड़ा रा मेला ऊपर, सारा बेली आइजो रै,
आवो तो भक्तों री टोली साथे लाइजो रे, के वेगा०
पार्श्वनाथ री मूरत मोने प्यारी प्यारी लागें हो,
सेवा पूजा भक्ति करता आनंद आवे हो , के वेगा०
ज्ञान रो गुलाबी रंग समता केरो पाणी हो,
भक्ति री पिचकारी भरने खुब नाइजो रे, के वेगा०
रंग बिरंगा मेला ऊपर, देवी देवता आवे हो,
भक्तों री भक्ति ने सुण सुण आनन्द पावे हो, केवेगा०
भजनों रा तो लाडूआ' ने, कव्वाली री चकियो हो,
गजलों रो तो चरका भरका खुब खाइजो रे, केवेगा०
जैन मंडल शरणे आव्यो, गीत आपरा गावे हो,
दूर दूर सुं जात्रू आवे, परचो भारी हो, के वेगा०
झीणो-झीणो उड़े रे गुलाल
झीणो-झीणो-झीणो-झीणो-झीणो-झीणो
झीणो-झीणो उड़े रे गुलाल,भेरू थारा मंदरिये
मंदरिये दादा मंदरिये -२ झीणो झीणो.....
मारा भेरुजी री सूरत न्यारी ,
मारा भेरुजी री मूरत न्यारी,
बजे डमरू डम डम ,भेरू थोरा मंदरिये
मंदरिये दादा मंदरिये -२ झीणो झीणो....
सोना रूपा री ,अंगीया रचाऊ,
मेवा मकोणा ,चरणे चढ़ाउ ,
भक्तो जोवे है वाट, भेरू थारा मंदिरिये
मंदरिये दादा मंदरिये -२ झीणो झीणो....
दिन दुखियो रा ,मालिक भेरू ,
पारसनाथ रा, पायक भेरू,
झालर गाजे झन झन ,भेरू थोरा मंदरिये
मंदरिये दादा मंदरिये -२ झीणो झीणो....
रुमझुम करता आवोजी भेरू
भक्तो ने दर्शन देवो जी भेरू
टाबरिया जोवे थोरी वाट ,भेरू थोरा मंदरिये
मंदरिये दादा मंदरिये -२ झीणो झीणो....
चालो रे चालो
चालो जी चालो ओ.. , चालो जी नाकोड़ाजी जावां
चालो चालो भेरू रे दरबार
मेवानगर मे राज करे है
पुराण सबरा काज करे है
पल पल दिखावे चमत्कार
अरे.. चालो रे चालो,.......
कीर्तिरत्न थोरी रचना किन्ही
घर - घर थे उद्धार कियो -२
पार्श्वनाथ के चरणों में थे निशदिन भक्ति करता हो
बाबी शाह नई फौज भगाई-२
नाकोड़ा तीरथ ने बचायो-२
थाने करू में मनुहार
अरे.. चालो रे चालो,.......
तीन लोक में तीरथ री महिमा जग में थोरी भारी ओ
ढोल नगाड़ा बाजे थोरे जालर रो जनकार हो
रविवार में लागे मेलो भक्तो रो आवे हे टोलो
करे हे जय -जयकार
अरे.. चालो रे चालो,.......
भक्ति भाव सु राजी होवे दादा नाकोड़ा वाला ओजी
पल में सुन भक्तो री विनती दौड़ा जावे भेरुजी -२
सुनो साथिड़ा आयो बुलावो-२
अबके थे न देर लगाओ -२
भेरू रे आवे नर नार
अरे.. चालो रे चालो,.......
वेगा चालो रे
के वेगा चालो रे श्री पार्श्व भैरव दरबार लगायो रे
वेगा चालो रे......
नाकोड़ा सु पार्श्व प्रभु रो , नाकोड़ा सु भेरू जी रो
हेलो आयो रे .... वेगा चालो रे ..
नाकोड़ा में पार्श्व प्रभु ने ठाठ लगायो जोरा रो
नाकोड़ा में भेरू जी ने ठाठ लगायो जोरा रो
जय दादा की जय दादा की -२ करता चालो रे
हिल मिल चालो रे .... के वेगा चालो रे ...
खूब सज्यो दरबार जो देखे, देखतो ही रह जावे
खूब सज्यो दरबार जो देखे, देखतो ही रह जावे
रुकना पावे नाचण लागे -२ भक्तो सागै रे
हिल मिल चालो रे ... के वेगा चालो रे ...
पार्श्व प्रभु बैठा मुस्कावे मंद मंद हौले हौले
भेरू जी बैठा मुस्कावे मंद मंद हौले हौले
ध्यान से देखो पार्श्व प्रभु री,
ध्यान से देखो भेरूजी री गर्दन हाल रे .....
के सगळा चालो रे .... के वेगा चालो रे
वारी आऊ वारी आऊ
वारी आऊ वारी आऊ, आऊ मारा भेरू जी
लटका लेता आऊ ओ राज
लटका ले तो आऊ मारा भेरुजी, नमतो- नमतो आऊ ओ राज
सोना रा कलश में नव जल लेईने, भेरुजी ने नव्हन कराऊ ओ राज
केशर- चन्दन बराक लेईने, भेरुजी री अंगिया रचाऊ ओ राज
वारी आऊ....
मेवानगर में आप बिराजो, दर्शन करवा आउ ओ राज
दर्शन वैला दीजो मारा भेरुजी, दुखियो रा दुखड़ा मिटावो ओ राज
वारी आऊ....
श्रीफल लापसी मातर सुखडी भेरुजी रे चरणे चढवू ओ राज
भक्तो थोरी वाटो जोवे रिमझिम करता आईजो ओ राज
वारी आऊ....
नाकोड़ा भैरव भक्ति मंडल रे विनती, वेगा रे वेगा आईजो ओ राज
आवो रे आवो- आवो मारा भेरुजी, दर्शन वेला देइजो ओ राज
वारी आऊ....
भेरू नवसरियो
अरे झीणा रे- झीणा घुँघरा माता रे मिन्दर बाजे रे
अरे मोटा रे मोटा घुँघरा भेरू रे बाजे ओ
के भेरू नवसरियो ..
(जियो राज भेरू नवसरियो हौले हौले ओ भेरू जी नवसरियो )
मिन्दर में भोपा वाट जोवे ओ...... के भेरू नवसरियो
पेहलोडो कागदियो लिखने शंखेश्वर जी में भेजा रे
शंखेश्वर ना पारस दादा आया रिजो रे
के भेरू नवसरियो ...
दूजोडो कागदियो लिखने अग्लोडजी में भेजा रे
अग्लोड ना मणिभद्रजी वेगा आईजो रे
के भेरू नवसरियो...
तिजोड़ो कागदियो लिखने माउड़ी नगर में भेजा ओ
माउड़ी नगर रा घंटाकर्ण जी वेगा आई जो रे ,
के भेरू नवसरियो ....
मोर बोले ओ भैरुजी
मोर बोले ओ भैरुजी नाकोड़ा नगरी में,
भैरुजी मोर बोले रे ऽऽऽ
वेगा बुलाईजो रे भैरुजी थोरा रे चरणों में,
भैरुजी वेगा बुलाईजो रेऽऽऽ, मोर बोले रे के भैरुजी
किकण आऊ ओ भैरुजी थोरा रे आँगणिये भैरुजी,
किकण आऊँ ओऽऽऽ
हुक्काम कराईजी ओ के भैरुजी नाकोड़ा आवन रो,
भैरुजी हुक्कम कराईजो ओऽSS, मोर बोले २ के भैरुजी....
मेलो भरीजे ओ भैरुजी पोष वदि दशम रो भैरुजी,
मेलो भरीजे ओऽऽऽ
वेगा बुलाईजो ओ भैरुजी मेला के अवसरीये,
भैरुजी वेगा बुलाईजो ओऽऽऽ, मोर बोले रे के भैरुजी....
ढोल वाजे ओ भैरुजी नाकोड़ा दरबारे भैरुजी,
ढोल वाजे ओऽऽऽ
घुमर नाचु ओ भैरुजी ढोला रे धमाड़े भैरुजी,
घुमर नाचु ओऽऽs, मोर बोले रे के भैरुजी....
वेगा आईजी ओ भैरुजी डमरु रा झमकारे,
भैरुजी वेगा आईजो रे ऽऽऽ
दर्शन दईजी ओ भेरुजी चरणे आयो थारे भैरुजी,
दर्शन दईजी ओऽऽऽ, मोर बोले रे के भेजा
माताजी रो अँगवानी भैरुजी
देवी रो अँगवानी भैरुजी घुंघरीया धमकावे,
घुंघरीया धमकावे भैरुजी, रुम-झुम करतो आवे भैरुजी…
काला गोरा भैरुजीरा, राता-राता नैन (2)
मन्सा पुरण करे भैरुजी है, भक्तो रो सैन (2),
सोवण चुटियो हाथ में शोभे (2), घुंघरीया धमकावो,
मारा भैरुजी रुमझुम करता आवे,
देवी रो अँगवाणी, भैरुजी....
कलयुग रो अवतारी भैरुजी, नाकोड़ा में बिराजे (2),
तेल सिन्दुर थारे चढे रे सुखडी, ढोल नगाडा बाजे (2),
सोना रुपा, माली पन्नारो वागो पहरावे (2),घुंघरीया धमकावे,
मारा भैरुजी रुमझुम करता आवे,
देवी रो अँगवाणी, भैरुजी....
बारह मणोरा चढे बाकुला, तेरह घाणी रो तेलजी (2),
भैरुजी रा दर्शन करवा, आवे रेलम रेल (2),
जगदम्बा रा चवर दुलावे (2) घुंघरीया धमकावो,
मारा भैरुजी रुमझुम करता आवे,
देवी रो अँगवाणी, भैरुजी....
मने सौ करोड़ दे दो
(तर्ज : आये हो मेरी जिन्दगी में....)
ओ नाकोड़ा रा धणीया, थाने घणी रे घणी खम्मा (2),
मने सौ करोड़ दे दो (आ..आ, ओ), बाकी रा राखो जमा (2),
ओ नाकोड़ा रा धणीया....
हर चीज रा ते दाता, मे क्यों दुःखावा माथाऽऽऽ (2),
माथे पे हाथ धर दो, भगता री जेबा भर दो,
रुपीयों सु बाजे घर में, छम-छमा-छम-छम्मा (2),
मने सौ करोड़ दे दो (आ..आ, ओ), बाकी रा राखो जमा (2),
ओ नाकोड़ा रा धणीया....1
है छप्पर फाड़ देवो, ने देवता ही रेवो,
मारा घर में बैठा रेवो, ने लक्ष्मीजी ने केवो,
पीया सु राजी पप्पा, ने राजी मारी अम्मा (2),
मने सौ करोड़ दे दो (आ..आ, ओ), बाकी रा राखो जमा (2),
ओ नाकोड़ा रा धणीया....2
वारी वारी नाकोड़ा रा राजा
वारी वारी नाकोड़ा रा राजा, थोने मनावण आया हो
अटे पावडिये रे पाग देता, परचो लागे भारी रे
वारी वारी नाकोड़ा रा राजा, थोने....
मेवा नगरी आप विराजो, काशी रा कोतवालजी,
घुंगरिया घमकावे भैरुजी, रुमझुम करता आवोजी,
वारी वारी नाकोड़ा रा राजा, थोने....1
ऊँचा डूंगर वणयो देवलो,ध्वजा फरुके भारी ओ,
वाकडजी मुछोवाला राजा, देवरुपी आवतारी ओ,
वारी वारी नाकोड़ा रा राजा, थोने....2
मेवा मिठाई भोग चढाऊ, फुलडोवाली मालाजी,
मस्तक मुकुट आप रे शोभे, गले मोती री मालाजी,
वारी वारी नाकोड़ा रा राजा, थोने....3
सोना रुपा री आंगी रचाऊ, जिणमें हिरला लगावूजी ,
कानों में कुण्डल आपरे सजाऊ, हिरा पन्ना जडियाजी,
वारी वारी नाकोड़ा रा राजा, थोने....4
अरे वारी वारी नाकोड़ा रा राजा, थाने मनावण आया रे,
ढोल नगाड़ा नोबत बाजे, झालर रा झणकारे जी,
वारी वारी नाकोड़ा रा राजा, थोने....5
अरे भैरव मंडल करे विनंती मोही नगर माय हो,
अरे मंडल वालो रे विनंती, भक्ति में वेगा आवोजी,
वारी वारी नाकोड़ा रा राजा, थोने...6
तिरथ जाऊ नाकोड़ा ज़ी
(तर्ज : ब्याह बिन्दणी बिलखु मैं तो)
तिरथ जाउ नाकोडाजी, पाऊँ दर्शन पारसजी,
घणा दिनों थी दर्शन कोनी, डमरुवाला भैरुजी,
मन में मारा घणा दिनोथी, आस है जागी स्वामीजी,
पावन बनवा तिरथ आवु, पाप घणा में किधाजी,
क्रोध कियो नहीं राग धर्यो, नही ओ अलबेला भेरुजी,
घणा दिनो थी दर्शन....१
नाकोडाजी ये तीर्थ मोने, वालु घणु लागे रे,
पारसजी रा दर्शन करने, पग में शीश नमावो रे,
जो कोई आवे, शुभ गती पावे, मन रो रोग मिटावो जी,
घणा दिनो थी दर्शन....२
भेरुजी रो परचो भारी ,डम-डम डमरू बाजे रे,
बेडी टुटे पाप करम री, भव सागर तीर जावे रे,
‘‘भैरव मंडल'” मोही नगर रो, सघला भैरुजी ने ध्यावेजी,
रिमझिम करता आवजो.
आवो मारा भैरुजी, रिमझिम करता आवजो,
आवो मारा भैरुजी, श्वान असवार मारा भैरुजी,
रिमझिम करता आवजो...
आवो मारा भैरुजी, फौजी ने साथे लावजो,
आवो मारा भैरुजी, घुंघरीये घमकारो मारा भैरुजी,
रिमझिम करता आवजो…
आवो मारा भैरुजी, दर्शन री मोने प्यास घणी,
आवो मारा भैरुजी, दर्शन री तरस मिटावो मारा भैरुजी,
रिमझिम करत आवजो…
आवो मारा भैरुजी, डूंगर उपर डूंगरा,
आवो मारा भैरुजी,नदियो रो नहीं पार मारा भैरुजी,
रिमझिम करता आवजो…
आवो मारा भैरुजी, जंगल ने झाडी घणी,
आवो मारा भैरुजी,किण विद आवु थोरे द्वार मारा भैरुजी,
रिमझिम करता आवजो…
आवो मारा भैरुजी, भगत जगत में दुःखी घणा,
आवो मारा भैरुजी, दुःखीयो रा दुःखडा मिटावो मारा भैरुजी,
रिमझिम करता आवजो...
आवो मारा भैरुजी, “भैरव मंडल” अर्ज करे,
आवो मारा भैरुजी, भक्तो री अरजी स्वीकारो मारा भैरुजी,
रिमझिम करता आवजो…
दादा धुप रे धमाडे
दादा धुप रे धमाडे वेगा आवजो,
दादा कोई थोरी करा रे मनवार
भैरुजी वेगा आवजो...दादा धुप रे...
दादा ढोलो रे धमाडे वेगा आवजो,
दादा घणी रे मु तो करु रे मनवार,
भैरुजी वेगा आवजो...दादा धुप रे...१
दादा मेवानगर में बिराजिया,
दादा ऊँचा डुंगर चडीयो नहीं जाए,
भैरुजी वेगा आवजो...दादा धुप रे...२
दादा हाथ खड़ग त्रिशुल धारीयो,
दादा डम-डम डमरु बजावो,
भैरुजी वेगा आवजो…दादा धुप रे...३
दादा मस्तक मुकुट थोरो सोबतो,
दादा हिवड़ा ऊपर नवलख हार,
भैरुजी वेगा आवजो...दादा धुप रे...४
दादा परा ने पधारो मोरे ओगणिये,
दादा ‘‘भैरव मंडल' जोवे वाट,
भैरुजी वेगा आवजो...दादा धुप रे...५
भैरूजी कठे रे सोया
भैरुजी कठे रे सोया रे सुख भरी जिंद में,
भैरुजी कठे रे लगाई इतनी देर भगति में वेगा आवजो…
भैरुजी नाकोड़ा नगरी में वणयो देवलो,
भैरुजी ध्वजा रे फरुके आसमान,
भक्ति में वेगा आवजो...1
भैरुजी मेवा ने मिठाई चाढू सुरमो,
भैरुजी चाढू-चाढू श्रीफल केसर आज,
भक्ति में वेगा आवजो...2
भैरुजी ढोलो रे धमीडे वेगा आवजो,
भैरुजी आईजो-आईजो भगत जोवे वाट,
भक्ति में वेगा आवजो...3
भैरुजी चौसठ जोगणिया संग शोभता,
भैरुजी राखो-राखो भक्तो थी रे लाज,
भक्ति में वेगा आवजो...4
भैरुजी भैरव मंडल रे वारी विनती,
भैरव भैरव मंडल गावे आज,
भक्ति में वेगा आवजो...5
रंग लाग्यो जी
धमके पग में घुघरा, डमरु बाजे हाथ,
नाकोड़ा रा देवता रंग लाग्यो हो भैरवनाथ,
....अन्तरा....
रंग लाग्यो जी मने कोई लाग्यो (२)
मने जाणो रे (२) नाकोड़ा वाला धाम,
मारा साहेबा रंग लाग्यो....रंग लाग्यो जी...१
मेवा नगर में थोरो बेसणो रे दादा,
थे तो पार्श्व प्रभु रा घणा वाला,
मारा साहेबा रंग लाग्यो....रंग लाग्यो जी...२
पोष दशम रो, मेलो भरीजे दादा,
थोरा मेला में, आवे नर ने नारी,
मारा साहेबा रंग लाग्यो....रंग लाग्यो जी...३
भक्तों रा थेतो लाड़का हो दादा,
थोरा भक्त गावे हे गुण गान,
मारा साहेबा रंग लाग्यो....रंग लाग्यो जी...४
सोना रुपारी थोरी आंगी चढाऊ हो दादा,
थोरे छत्तर चढाऊ भरपुर,
मारा साहेब रंग लाग्यो....रंग लाग्यो जी...५
अखण्ड ज्योत भारी जागती हो दादा,
टाबरीयो री राखो थे तो लाज,
मारा साहेबा रंग लाग्यो....रंग लाग्यो जी...६
‘‘भैरव मंडल' री सुणजो विनंती हो दादा,
भक्तो री करजो संभाल,
मारा साहेबा रंग लाग्यो....रंग लाग्यो जी...७
ओ मारा भैरुजी
ओ मारा भैरुजी, आडी-डोडी नजरो काई राखो,
ओ मारा भैरूजी, भक्तो सामे देखो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||१||
ओ मारा भैरूजी, घणा दिनोरा ओलंबा,
ओ मारा भैरूजी, देवु आपने आज मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखौ ||2||
ओ मारा भैरूजी, नाव फंसी है मझदरिये,
ओ मारा भैरूजी, नाव किनारे लावो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||३|| |
ओ मारा भैरूजी, चरणे आयो आपरे,
ओ मारा भैरूजी, मारा दुःख दूर करो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||४||
ओ मारा भैरूजी, थोरे सिवाय नही कोई मारे,
ओ मारा भैरूजी, संकट ने दूर करो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||५||
ओ मारा भैरूजी, दुःख पडिया थोरा भक्तों में,
ओ मारा भैरूजी, भक्तों री लाज राखो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||६||
ओ मारा भैरूजी, मोही मंडल’ री विनंती,
ओ मारा भैरूजी,भवो भव पार उतारो मारा भैरुजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||७||
नाकोड़ा रा धणिया
(तर्ज - रुणीजारा राजा)
थोने तो ध्यावे आखी मारवाड ओ, आखी गोडवाड ओ
राजा नाकोडा रा धणियों, खम्मा खम्मा ओ राजा ।।
अख्तर ने हमीद दो ये, सेनापती आया ओ
मन्दिर रो घेरो घाली, लुटन रा सपना लाया ओ
तोप धडूके जाणे मेघ ज्यु ओ || राजा नाकोडा ||
भाखरथी उतरीया भेरूजी, भोयरा उपर उभा ओ
भम भमता भमरा छोडी ने, सेना ने भगाई ओ
यवनी तो नाठो जाणे जीव लेने ओ || राजा नाकोड़ा ||
भेरूजी रा परचो भारी, मोसु कहे न जावे ओ।
तीर्थो रा सरताज बिराजे, दर्शन लाओ लीजो ओ
जठे विराजे मारा पारसनाथ ओ || राजा नाकोड़ा ।।
डगले ने पगले तो मोने ओलु थोरी आवे ओ
एकण ने वेरा तो मोने, दर्शन पर दिजो ओ
‘मोही मंडल’ तो ध्यावे भाव सूं ओ || राजा नाकोड़ा ||
मने नाकोडा ले चालो
थोने हाथ जोडू उभी उभी कद की
मने नाकोडा ले चालो म्हारे जचगी
साची बात बता दे थारे मन की
अब के नाकोडा जावणरी किया जचगी
मेवा नगर री पहाडीयो में मंदिर वणीयो भारी
पोष दशम रा मेला उपर आवे नर ने नारी
मारी आशा तो पुरेला भेरू मनकी
मने नाकोड़ा ले चालो म्हारे जचगी
सोच समझ ने बोल बावरी आ काई सुझी उँधी
तू केवे तो शत्रुजयने ले जाऊ राणकपुरजी
आ तो बात है, गोरी मारे बसकी
थने नाकोडा जावणरी किया जचगी
दादारा दर्शनरी बालम घणा दिनों सूं मन में
नाकोडारा दर्शन कराई दे याद करूँगी थोने
मारे बोलमा, किदोरी भैरू मन की
मने नाकोडा ले चालो म्हारे जचगी
पार्श्वनाथ रो पायक भैरू कलीयुग रो अवतारी
भैरुनाथ रा चमत्कार ने जाणे दुनिया सारी
बाता करे है लुगाया घर-घर री
मने नाकोडा ले चालो म्हारे जचगी
माथे तो चरवी दुध री
माथे तो चरवी दुध री, मारे जाणो है भैरुजी रे देवरे
रात अंधारी गेलो चिकणो, जामी दरपु ओ वन मे एकली -2
दरपे मती ए माना गुजरी, तु ढोला रे ढमके आवजे,
तु सासू रे छाने आवजे, तु बाईसा ने लारा लावजे
तु घी भर दिवलो सजोवजे, तु मोत्या रा आका लावजे
तु पावा ओ पडती आवजे तु थाली रे रणके आवजे
तु लचकाओ करती आवजे, परी ऊतारो चरवी दूध री
जामी परी ने रांधावो खीर ने, परा बुलावा जामी जातरू
जामी परी ने वपराओ खीर रा, माथे तो चरवी दुध री
मारे जाणो है भैरुजी रे देवरे
भैरु आव आव आव
भैरु आव आव आव तु तो दे मुछा ने ताव (२)
दे मुछा ने ताव, चौसठ जोगणिया संग लाव (२)
भैरु आव आव आव....(2)
अरे गैला मे एक मालण मलगी (2) है फुलडा लाव लाव लाव
भैरु दे मुछा ने ताव....(२)
अरे गेला मे कुम्हारण मलगी (2) कलश्यो लाव लाव लाव
भेरु दे मुछा ने ताव…. (२)
अरे गेला मे तैलण मलगी (2)
तेल लाव लाव लाव
भेरु दे मुछा ने ताव…. (२)
अरे गेला मे सोनण मलगी (2)
छत्तर लाव लाव लाव
भेरु दे मुछा ने ताव…. (२)
अरे गेला मे सेठाणी मलगी (2)
नोट लाव लाव लाव
भेरु दे मुछा ने ताव…. (२)
बुला रहा मेरा गरीबखाना
बुला रहा मेरा गरीबखाना - 2, बस दो रोटी - 2 खाना जाना
भेरुजी घर आ जाना, भैरु जी घर आ जाना
भैरुजी मेरी देखो ना तुम गरीबी, भैरुजी मेरी रोटी रुखी सूखी
भैरु हम तेरे बेटे है,
दादा हम तेरे बेटे है,ये विश्वास-3 दिला जाना,
भेरुजी घर आ जाना...
भैरूजी मेरी छोटी सी है रसोई,भैरूजी मेने प्रेम सुवन से धोई,
रोटी सुख ना जाये मेरी - 2, प्रेम से भोग-3 लुगा जाना,
भैरुजी घर आ जाना...
भैरुजी मेरा आंगन वाट निहारे -2,भैरुजी हम रस्ता रोज बुहारे,
आ जा एक दिन मेहमां बनके -2, पावन चरण-3 दिखा जा
भेरुजी जी घर आ जाना...
भैरुजी तुम जीमो भगत जीमावे,भैरुजी तुझे मंगल गीत सुनाऊ
प्रेम की रोटी ठीक लगे तो, फिर रे दुबारा-3 आ जाना
भैरुजी घर आ जाना...
म्हारा नाकोडा रा नाथ
म्हारा नाकोडा रा नाथ म्हारा मेवा नगर रा नाथ
मांगु जो जो सगलो दिजो जोडू दोनों हाथ - 2
ओ म्हारा नाकोडा रा नाथ म्हारा भैरुजी महाराज
मांगु जो जो सगलो दिजे जोडू दोनों हाथ - 2
अरे एक तो मने बंगलो दिजो फूल बगीचा साथ - 2
फूल तोड़ कर हार बनाऊ - 2 चढाऊ भैरवनाथ
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
अरे एक तो मने बेटो दिजे बहु दिजे मने शाणी -2
काली गोरी कुछ न जाणु -2 दिजे सौ गुण वाली
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
अन्न धन रो भंडार दिजे मन दिजे मने मोटो -2
आया गया री करु चाकरी - 2 कदी नी आवे टोटो
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
तन में तो मने साता दिजे मन में दिजे ममता
सुख दुःख में म्हारे हाजिर रहीजे - 2 आवा नमता नमता
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
एक तो मने गाडी दिजे और दे मीठी वाणी - 2
हर पुनम पे नाकोड़ा में -2 भक्ति करुं मैं थारी
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
दीवाना तेरा आया
दीवाना तेरा आया दादा तेरी नगरी में ….-2
दीवाना तेरा आया दादा तेरी नगरी में ….-2
नजराना दिल का लाया - 2 दादा तेरी नगरी में …
दीवाना तेरा आया दादा तेरी नगरी में ….-2
मैं दीवाना, मैं दीवाना मैं दीवाना हो गया-2
मैं मस्ताना मस्ताना मस्ताना हो गया-2
यूँ तो हज़ारो मंजर देखे हैं हसीं मैंने-2
दिल ने सुकून पाया रे दादा - 2,दादा तेरी नगरी में ……
नजराना दिल का लाया - 2 दादा तेरी नगरी में …
मैं दीवाना हो गया रे मैं दीवाना हो गया-2
दादा को भूलकर कही और कैसे जाऊ-2
सब कुछ तो यही पाया रे दादा-२ दादा तेरी नगरी मे
नजराना दिल का लाया - 2 दादा तेरी नगरी में …
मैं दीवाना, मैं दीवाना मैं दीवाना हो गया-2
आते हे नाकोड़ा नगरी लाखो है नर नारी-2
मोही मंडल आया रे दादा -2 दादा तेरी नगरी मे
नजराना दिल का लाया दादा तेरी नगरी में …
दीवाना तेरा आया दादा तेरी नगरी में ….-2
नजराना दिल का लाया रे लाया - 2 दादा तेरी नगरी में …
मैं दीवाना, मैं दीवाना मैं दीवाना हो गया-2
मैं मस्ताना मस्ताना मस्ताना हो गया-2
सुन लो अर्जी
तेरे दरबार वो ही फरियाद आती हैं,
जिसकी तु चाहे दादा, पुरी हो जाती है ।
तेरे दर पे सर झुकाएं मैं भी तो आया हूं,
जिसकी भी बिगड़ी हैं उसकी बन जाती हैं ॥
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं,
छोड़ दे कष्ट तेरे हवाले, पर कर दे या मुझको डुबो दे,
दिल भी जिद पे अड़ा है ये दादा, छोड़ कर तेरा दर मैं ना जाऊं,
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
एक तेरे भरोसे पे दादा,तोड़ रिश्ते तमाम आ गया हूं ।
ना ही तेरे सिवा दुजा कोई,मैं शरण तेरी आज आ गया हूं ।
तु ही मेरा आसरा हैं, तु ही हैं दिलासा,
तु ही समझे हैं दादा, दिल की ये भाषा ॥
तु तो हारे का, तु तो हारे का साथी हैं
जिसकी तु चाहे दादा, पुरी हो जाती है ।
तेरे दर पे सर झुकाएं मैं भी तो आया हूं,
जिसकी भी बिगड़ी हैं उसकी बन जाती हैं ॥
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं,
छोड़ दे कष्ट तेरे हवाले, पर कर दे या मुझको डुबो दे,
दिल भी जिद पे अड़ा है ये दादा, छोड़ कर तेरा दर मैं ना जाऊं,
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
एक तेरे भरोसे पे दादा,तोड़ रिश्ते तमाम आ गया हूं ।
ना ही तेरे सिवा दुजा कोई,मैं शरण तेरी आज आ गया हूं ।
तु ही मेरा आसरा हैं, तु ही हैं दिलासा,
तु ही समझे हैं दादा, दिल की ये भाषा ॥
तु तो हारे का, तु तो हारे का साथी हैं
दादा,तेरे होते मैं कैसे हार जाऊं ॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
तुने लाखो की बिगड़ी सवारी,काम क्यों फिर मेरा टल रहा हैं ।
तेरे भक्तों का परिवार दादा,तेरे ही रहमत पे पल रहा हैं ।
मेरी ये जिंदगी भी, तेरे हवाले,
तु ही रखवाले दादा, तु ही संभाले ॥
तु अगर ना, तु अगर ना सुनेगा जो दिल की,
बात किसको मैं जाकर सुनाऊं ॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
मैंने सबसे सुना हैं ये दादा मेरे,तुम लगाते हो दुःखियों को अपने गले ।
ऐसा क्या हमने तुमसे हैं मांगा दादा,इतना देने में क्यों घबराते दादा ।
तुम ना बनाओगे जो काम हमारा,
होगा बदनाम दादा नाम तुम्हारा ।
बात भक्तों की, बात भक्तों की सुन लो ओ बाबा,
कब तलक तुमको दादा रिझाऊं ॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं,
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
मैंने सबसे सुना हैं ये दादा मेरे,तुम लगाते हो दुःखियों को अपने गले ।
ऐसा क्या हमने तुमसे हैं मांगा दादा,इतना देने में क्यों घबराते दादा ।
तुम ना बनाओगे जो काम हमारा,
होगा बदनाम दादा नाम तुम्हारा ।
बात भक्तों की, बात भक्तों की सुन लो ओ बाबा,
कब तलक तुमको दादा रिझाऊं ॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं,
नाकोड़ा भैरूजी रो परचो भारी
नाकोड़ा भैरूजी रो परचो भारी-2
बटुक भेरू जाने दुनिया सारी, उनरी लीला न्यारी
नाकोड़ा भेरू जी ओ नाकोड़ा भेरू जी रो
कोई केशर की पूजा करावे,फूल बरख री आंगी रचावे
कोई इत्र रो टीको लगावे ,तेल धार सूं कोई नहरावे।
श्रीफल, मातर,सुखडी, नेवेद्य,भोग लगावे -२
भेरू भक्तिरा लाडू सु होवे होवे राजी
एक हाथ में खड़ग रणके, दूजे हाथ में त्रिशूल जमके
तीजे हाथ में खप्पर खड़के,हाथ चोथे में डमरू डम डम डमके,
मेवा राणा ने जगावी, फौज भमरो री उड़ावी
सेना पल में बाविसी री दूर भगावी
पंखीडा पंखीडा
पंखीडा हो... पंखीडा, पंखीडा हो... पंखीडा
पंखीडा तु उडीने जाजे नाकोड़ा जी रे...
मारा भेरूदादा ने जाएने कहजे तारा भक्त आवे रे...
पंखीडा हो...हो... पंखीडा, पंखीडा ओ... पंखीडा
गाम गामथी मालीडा तमे वहेला आवो रे,
मारा प्रभुजी ने काजे रूडा फुलडा लावो रे,
चंपो लावो, गुलाब लावो... मोगरा लावो रे,
मारा दादानी तमे सुन्दर आंगी रचावो रे... पंखीडा
गाम गामथी सोनीडा तमे वहेला आवो रे,
मारा प्रभुजीने काजे सुंदर आंगी लावो रे,
मुगट लावो, कुंडल लावो... सारा लावो रे,
मारा दादाने तमे सुन्दर आभूषण पहेरावो रे... पंखीडा
गाम गामथी झवेरी तमे वहेला आवो रे,
मारा प्रभुजी के काजे सुन्दर हार लावो रे,
हीराना लावो, माणकना लावो, मोतीडा लावो रे,
मारा दादाने तमे सुन्दर हार पहेरावो रे... पंखीडा
गाम गामथी भक्त तमे वहेला आवो रे,
मारा प्रभुजीनी तमे सुन्दर भक्ति करजो रे,
पूजा भणावो, भावना भावो, गीतड़ां गावो रे,
मारा दादानी तमे सुंदर भक्ति करजो रे... पंखीड़ा
वो वर्धमान महावीर कठे
(तर्ज : महाराणा प्रताप....)
त्रिशला मां थारो लाल कठेऽऽऽ(2), मायड थारो लाल कठे,
वो जैन धर्म री भाल कठे,
दुनिया में बढ़ गयो पाप घणो ओ...ओ...(2),
वो वर्धमान महावीर कठे, त्रिशला माँ थारो....
धरती रो पाप मिटावणनेऽऽऽ(2), अब पड़ी जरुरत थारी हैऽऽऽ,
हो रह्यो है अत्याचार घणोऽऽऽ(2), जालीम ने बाजी मारी हैऽऽऽ,
जो जुल्म करे सरेआम फिरेऽऽऽ(2), इंसाने हिंमत हारी है, कलीयुगरी काळी छाया में महावीर अवतार जरुरी है,
चंदनबाला ने तारीयों (2), वो तरुण तपस्वी नाथ कठे,
त्रिशला माँ थारो…
टुकड़ों में धर्म बाट लियोऽऽऽ(2), बटवारो कर दियो इंसानेऽऽऽ, जीयो-जिने दो भुल गयाऽऽऽ(2) और अपनावे है हिंसानेऽऽऽ
अब पाप रा सिक्का चालरिया (2) और सज्जन खाली हाथमळेऽऽऽ, अठे झूठ तो पग-पग पर चाले और सच्चाई सरे आम मरे,
ओ साची प्रीत निभावनीयो ओ.ओ.(2) वो शांत सरल बलवान कठे,
त्रिशला माँ थारो....
धन दौलत ये है खेल अठेऽऽऽ(2), स्वार्थ री दुनियादारी हैऽऽऽ,
भाई ने भाई मार देवेऽऽऽ(2), मतलब री रिश्तेदारीऽऽऽ,
किस किसको दोष बताऊँ मैं..मैं (2) खुद मन की मती अब मारी है, माँ-बाप ने समझे कोनी अठे और ममता ठोकर खा रही हैऽऽऽ,
वो कांधे तीरथ करावनीयो...यो (2) वो श्रवण जेडी संतान कठे,
त्रिशला माँ थारो…
मेरे सर पे सदा तेरा हाथ
दोहा -- जिसने भी तेरे चरणों में, सर को झुकाया है,
मेरे शत्रुंजय वाले दादा, तुने गले से लगाया है,
ओ दादा तेरे चरणों में करता हुं फरीयाद मैं,
सारा जहाँ ने ठुकराया तो, आये तेरे पास मैं,
करुणा का सागर तु, दया का भंडार है,
माँ की ममता तु ही, पिता का प्यार है,
मेरे सर पे सदा तेरा हाथ रहे (2) (ओ दादा)...
मेरे दादा तु हमेशा मेरे साथ रहे (2),
मेरे सर पे सदा तेरा हाथ रहे (2)
मेरे शत्रुंजय के दादा मेरे साथ रहे (2),
जैसे सूरज प्रकाश दोनों साथ रहे (2),
मेरे दादा तू हमेशा मेरे साथ रहे…
ऐ मालिक जिसने भी तेरा नाम लिया है,
तूने उसका पूरा घर भर दिया है,
अंधे को दिखाया, भटके को राह दिखाया है,
उजड़ी हुई दुनिया तूने फिर से बसाया है,
मेरी नैय्या बिच में, किनारा चाहिए,
ओ दादा मुझे बस इतना सहारा चाहिये,
अंधेरो में जैसे चीराग रहे (2) (ओ दादा)...
शत्रुंजय है साँचा, सारे संसार में,
सब कुछ मिल जाता है दरबार में,
सोया हुआ नसीब, फिर से जाग जाता है,
तेरे दरबार में आया, पापी भी तर जाता है,
साधु श्रृंगार भी ना दुनिया का कमाल हो,
ऐ दादा मेरी झोली में इतना ही डाल दे,
चाहे धन और दौलत ना पास रहे (2) (ओ दादा)...
ना ओसवाल मुझे कहना
- (तर्ज : बंधन तो प्यार का बंधन है)
ओ...ओ...ओ...ओ...ओ...ओ...ओ...ओ...
ना ओसवाल मुझे कहना, ना पोरवाल मुझे कहना,
श्वेतांबर-दिगंबर का कोई नाम ना मुझ को देना,
श्रावक हीऽऽऽ मेरी पहचान है, मैं जैन हुऽऽऽ यही सम्मान है, ना ओसवाल मुझे कहना…
प्रभु महावीर की वाणी समझायी सब संतोनेऽऽऽ
संतो के उपदेश मगर बट गये पंथों में,
संतो को दोष ना देना, पंथो को गलत ना कहना,
अनकांत की दृष्टी से उपदेशों को समझना,
श्रावक हीऽऽऽ मेरी पहचान है…
जैसे बाग में फुल हजारो सब की खुशबु न्यारी,
धर्म से भी कई रुप बताती अपनी ये फुलवारी,
क्रिया से अलग-अलग है, मंजिल है मोक्ष ठिकाना,
चाहे जो विधी अपनाओं, भावों को शुद्ध बनाना,
श्रावक हीऽऽऽ मेरी पहचान है...।
आवो धर्म की ज्योती में हम भी अपना तेज मिलाये,
सत्य-अहिंसा की ताकत से नये इतिहास सजाये,
हर हाल में धर्म को लाना, तिलक का मान बढ़ाना,
पंथो को घर तक रखना, बाहर सब एक हो जाना,
श्रावक हीऽऽऽ मेरी पहचान है... 'ओ..ओ..ओ..ओ..ओ...ओ...ओ...ओ…
सनेडो
ऐ सनेडो आयो आज, ऐ सनेडो आयो,
ऐ पारसनाथ ना नाम नो, ऐ सनेडो आयो,
पारसनी धुन संग गाए लाल सनेडो, पारस ना गुणला गाए लाल सनेडो.
पारस नो महिमा मोटो गाए लाल सनेडो, पारस ना चमत्कार गाए लाल सनेडो,
दादा नी भक्ति करजो लाल सनेडो, दादा नो जयकार गाए लाल सनेडो,
ऐ सनेडो (2) हाँ बळजो लाल सनेडो,
दादा नो जय (2), पारस नो जय (2)
ये शंखेश्वर सोहामणो, जय शंखेश्वर भगवान,
कलिकाल मा कल्पतरु, दे पुनम नी जागा भराए लाल सनेडो...सनेडो...1
ये कणी दरवाजे बिराजता, कल्याण पारसनाथ,
कुडी कुआ मा थी प्रगट थया, श्री कल्याण पारसनाथ लाल सनेडो..सनेडो..2
ये मेहसाणा ना राजवीर, नामे मेहसाजी,
पुत्र प्रभुजी ए आपीयो, मन रंजन राजा नो नाथ लाल सनेडो...सनेडो...3
ये कोटी मा बिराजता, सम्मेत शिखर पारसनाथ,
24 तीर्थंकरों मा थी, वीस तीर्थंकर पामीया निर्वाण लाल सनेडो...सनेडो...4
ऐ शीरपुर सोहामणो, त्या अंतरिक्ष पारसनाथ,
पूर्व आकाश मां अधर सात हाथ, अति मूर्ति छे प्राचनिवात लाल सनेडो..सनेडो..6
ऐ भारत ना कण-कण मां, अने जन-जन मां छे वास,
"ता एला चरणे चुमे, अने नमन करें मंडल लाल सनेडो..सनेडो..
दुनियाँ का सहारा क्या लेना
- स्थाई -
दुनियाँ का सहारा क्या लेना, तेरा एक सहारा काफी है,
कुछ कहने की क्या जरूरत है, तेरा एक इशारा काफी है,
दुनियाँ का सहारा...
...अन्तरा…
धन दौलत का क्या करना है? इन महलों में क्या रहना है?
जिन्दगानी (2), चार दिनों की है, चरणों में गुजारा काफी है,
दुनियाँ का सहारा...1
माना दुनियाँ रंगीन तेरी, हर चीज बनाई है तूने,
देखें तो (2) क्या देखें भगवान, तेरा एक नजारा काफी है,
दुनियाँ का सहारा…2
बैकुण्ठ यहीं और स्वर्ग यहीं, मुझे मुक्ति का क्या करना है,
प्रभुवर को (2) नमन किया मैं करु, मिल जाये दारा काफी है,
दुनियाँ का सहारा...3
सोना रो बाजोटीयो रे
सोना रो बाजोटीयो रे, मोतीडे सु जडीयो
थोने ओ त्रिशलाजी रा जाया ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
पालणिये पोढावु थोने हालरिये हुलराऊ।
सिद्धारथ सरिखा थोरा बाबा ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
झबला ने टोपी. थोरा मोमा मोमी लावे। |
घुंगर री रणकारे रमाडु ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
पांच वरसे थोने भणवा ओ मेलु ।
भणी ने गणीने मोठा हुआ ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
घणा रे हुशे शथी थोरा लगन लिखाऊ
ढोलो रे धमेडे परणाऊ ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
देर मत करजो
देर मत करजो रे - भेरु मारा जग धणी |
समरू धूप लगाये - भेरु भर झालो रे,
धूप रे धमाडे - भेरु वेगा आवजो
झालर री झणकार - भेरू भर झालो रे,
डोल रे -धमाडे रे - भेरु वेगा आवजो
पायला री झणकार - भेरू भर झालो रे,
दरशन ने तररसु रे - दरशन देगा आपजो
परचो पगर दिखाये - पोर भर झालो रे,
आरती उतरे रे - डमरू डम डमे
कर दे लिला लैर - भैरू भर झालो रे,
देर मत कर जो रे....।
तीर्थ महिमा
थोने पुकारो मैं तो बार बार ओ, म्हारा आदिनाथ हो
राजा शत्रुंजय रा धणिया ।स्थाई।
ऊंचा डंगर गेरीझाडी, घुमट रो नजारो ओ ।
सोना रा सूरज रा जेंडो, इंडा से चमकारो ।
जिणमें बिराजे मारा आदिनाथ हो...
राजा शत्रुंजय रा।।१।।
दुजोडा तीरथ री शोभा, म्हासू कही न जावे ओ
राणकपुर दुनिया में छावो, पंच तीरथ रो राजा हो ।
जिणरा थांबलिया गिनता लागे वार ओ..।
राजा शत्रुंजय रा ।।२।।
गढ़ चढता आबुजी म्हाने, थाक घणेरो लागे हो
देराण्यो जेठाण्यो रा, गोखलिया प्यारा लागे हो ।
दर्शन करवा री माने, लागी प्यास हो...
राजा शत्रुंजय रा ।।३।।
रावण जेडी मोटी हस्ती, अष्टावद गीरी यो हो ।
नव विधियों सूं नाटक करने, प्रभु रिझावण लागो हो
‘नाकोड़ा भैरव भक्ति मंडल’ - गावे थोर गीत हो..
राजा शत्रुंजय रा।।४।।
वधाई
रजा आपो हवे दादा, अमारी वात थई पूरी (2),
अधूरी वात छे तोये, आ मुलाकात थई पूरी, अमारी…
कर्या कामण तमे ओवा, अमे तारा बनी बेठा,
तमारी प्रीतमां घायल, अमे घेला बनी बेठा,
तमे आधार थई बेठा, अमे लाचार थई बेठा...अमारी वात...1
तमे सरीता तणी लहेरो, तमे सागर घणो गहेरो,
तमारा स्मीत ना पुष्पों, अने झाकल भीनो चहेरो,
तमारा मुख ने जोयु, हवे फरीयाद थई पूरी...अमारी वात...2
स्मरण तारुं हमेशा दे, मरण टाळे समाधि दे,
रहे निर्लेपता सुख मां, अने दुःख मां दिलासो दे,
फक्त जो आटल आपो, अमारी मांगणी पूरी...अमारी वात...3
अमे तो रात ने दिवस, तमारा गुणला जाता,
तोये शाजे आ दुनियामां, दुःखोंना वीतरा वाता,
तमे मोक्षे जदे बेठा, अमे संसारमा पेटा...अमारी वात...4
बधाई
मारा नाथनी बधाई बाजे छे
मारा प्रभुनि बधाई बाजे छे …..
शरणाई सुर नौबत बजे
और घ -न -न -न -न गाजे छे
मारा नाथनि …………
इन्द्र-इन्द्राणी मिल मंगल गावे
मोतियन री चौक पुरावे छे
मारा नाथनी …………
सेवक प्रभुजी ने अर्ज करे छे
चरणों नी सेवा प्यारी लगे छे
मारा नाथनी …………
मारा नाथ नी बधाई ,
दीनानाथ री बधाई ,
प्रभुनाथ नी बधाई वागे छे……
ओ मारा भैरुजी
ओ मारा भैरुजी, आडी-डोडी नजरो काई राखो,
ओ मारा भैरूजी, भक्तो सामे देखो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||१||
ओ मारा भैरूजी, घणा दिनोरा ओलंबा,
ओ मारा भैरूजी, देवु आपने आज मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखौ ||2||
ओ मारा भैरूजी, नाव फंसी है मझदरिये,
ओ मारा भैरूजी, नाव किनारे लावो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||३|| |
ओ मारा भैरूजी, चरणे आयो आपरे,
ओ मारा भैरूजी, मारा दुःख दूर करो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||४||
ओ मारा भैरूजी, थोरे सिवाय नही कोई मारे,
ओ मारा भैरूजी, संकट ने दूर करो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||५||
ओ मारा भैरूजी, दुःख पडिया थोरा भक्तों में,
ओ मारा भैरूजी, भक्तों री लाज राखो मारा भैरूजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||६||
ओ मारा भैरूजी, मोही मंडल’ री विनंती,
ओ मारा भैरूजी,भवो भव पार उतारो मारा भैरुजी
आडी डोडी नजरो काई राखो ||७||
नाकोड़ा रा धणिया
(तर्ज - रुणीजारा राजा)
थोने तो ध्यावे आखी मारवाड ओ, आखी गोडवाड ओ
राजा नाकोडा रा धणियों, खम्मा खम्मा ओ राजा ।।
अख्तर ने हमीद दो ये, सेनापती आया ओ
मन्दिर रो घेरो घाली, लुटन रा सपना लाया ओ
तोप धडूके जाणे मेघ ज्यु ओ || राजा नाकोडा ||
भाखरथी उतरीया भेरूजी, भोयरा उपर उभा ओ
भम भमता भमरा छोडी ने, सेना ने भगाई ओ
यवनी तो नाठो जाणे जीव लेने ओ || राजा नाकोड़ा ||
भेरूजी रा परचो भारी, मोसु कहे न जावे ओ।
तीर्थो रा सरताज बिराजे, दर्शन लाओ लीजो ओ
जठे विराजे मारा पारसनाथ ओ || राजा नाकोड़ा ।।
डगले ने पगले तो मोने ओलु थोरी आवे ओ
एकण ने वेरा तो मोने, दर्शन पर दिजो ओ
‘मोही मंडल’ तो ध्यावे भाव सूं ओ || राजा नाकोड़ा ||
मने नाकोडा ले चालो
थोने हाथ जोडू उभी उभी कद की
मने नाकोडा ले चालो म्हारे जचगी
साची बात बता दे थारे मन की
अब के नाकोडा जावणरी किया जचगी
मेवा नगर री पहाडीयो में मंदिर वणीयो भारी
पोष दशम रा मेला उपर आवे नर ने नारी
मारी आशा तो पुरेला भेरू मनकी
मने नाकोड़ा ले चालो म्हारे जचगी
सोच समझ ने बोल बावरी आ काई सुझी उँधी
तू केवे तो शत्रुजयने ले जाऊ राणकपुरजी
आ तो बात है, गोरी मारे बसकी
थने नाकोडा जावणरी किया जचगी
दादारा दर्शनरी बालम घणा दिनों सूं मन में
नाकोडारा दर्शन कराई दे याद करूँगी थोने
मारे बोलमा, किदोरी भैरू मन की
मने नाकोडा ले चालो म्हारे जचगी
पार्श्वनाथ रो पायक भैरू कलीयुग रो अवतारी
भैरुनाथ रा चमत्कार ने जाणे दुनिया सारी
बाता करे है लुगाया घर-घर री
मने नाकोडा ले चालो म्हारे जचगी
माथे तो चरवी दुध री
माथे तो चरवी दुध री, मारे जाणो है भैरुजी रे देवरे
रात अंधारी गेलो चिकणो, जामी दरपु ओ वन मे एकली -2
दरपे मती ए माना गुजरी, तु ढोला रे ढमके आवजे,
तु सासू रे छाने आवजे, तु बाईसा ने लारा लावजे
तु घी भर दिवलो सजोवजे, तु मोत्या रा आका लावजे
तु पावा ओ पडती आवजे तु थाली रे रणके आवजे
तु लचकाओ करती आवजे, परी ऊतारो चरवी दूध री
जामी परी ने रांधावो खीर ने, परा बुलावा जामी जातरू
जामी परी ने वपराओ खीर रा, माथे तो चरवी दुध री
मारे जाणो है भैरुजी रे देवरे
भैरु आव आव आव
भैरु आव आव आव तु तो दे मुछा ने ताव (२)
दे मुछा ने ताव, चौसठ जोगणिया संग लाव (२)
भैरु आव आव आव....(2)
अरे गैला मे एक मालण मलगी (2) है फुलडा लाव लाव लाव
भैरु दे मुछा ने ताव....(२)
अरे गेला मे कुम्हारण मलगी (2) कलश्यो लाव लाव लाव
भेरु दे मुछा ने ताव…. (२)
अरे गेला मे तैलण मलगी (2)
तेल लाव लाव लाव
भेरु दे मुछा ने ताव…. (२)
अरे गेला मे सोनण मलगी (2)
छत्तर लाव लाव लाव
भेरु दे मुछा ने ताव…. (२)
अरे गेला मे सेठाणी मलगी (2)
नोट लाव लाव लाव
भेरु दे मुछा ने ताव…. (२)
बुला रहा मेरा गरीबखाना
बुला रहा मेरा गरीबखाना - 2, बस दो रोटी - 2 खाना जाना
भेरुजी घर आ जाना, भैरु जी घर आ जाना
भैरुजी मेरी देखो ना तुम गरीबी, भैरुजी मेरी रोटी रुखी सूखी
भैरु हम तेरे बेटे है,
दादा हम तेरे बेटे है,ये विश्वास-3 दिला जाना,
भेरुजी घर आ जाना...
भैरूजी मेरी छोटी सी है रसोई,भैरूजी मेने प्रेम सुवन से धोई,
रोटी सुख ना जाये मेरी - 2, प्रेम से भोग-3 लुगा जाना,
भैरुजी घर आ जाना...
भैरुजी मेरा आंगन वाट निहारे -2,भैरुजी हम रस्ता रोज बुहारे,
आ जा एक दिन मेहमां बनके -2, पावन चरण-3 दिखा जा
भेरुजी जी घर आ जाना...
भैरुजी तुम जीमो भगत जीमावे,भैरुजी तुझे मंगल गीत सुनाऊ
प्रेम की रोटी ठीक लगे तो, फिर रे दुबारा-3 आ जाना
भैरुजी घर आ जाना...
म्हारा नाकोडा रा नाथ
म्हारा नाकोडा रा नाथ म्हारा मेवा नगर रा नाथ
मांगु जो जो सगलो दिजो जोडू दोनों हाथ - 2
ओ म्हारा नाकोडा रा नाथ म्हारा भैरुजी महाराज
मांगु जो जो सगलो दिजे जोडू दोनों हाथ - 2
अरे एक तो मने बंगलो दिजो फूल बगीचा साथ - 2
फूल तोड़ कर हार बनाऊ - 2 चढाऊ भैरवनाथ
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
अरे एक तो मने बेटो दिजे बहु दिजे मने शाणी -2
काली गोरी कुछ न जाणु -2 दिजे सौ गुण वाली
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
अन्न धन रो भंडार दिजे मन दिजे मने मोटो -2
आया गया री करु चाकरी - 2 कदी नी आवे टोटो
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
तन में तो मने साता दिजे मन में दिजे ममता
सुख दुःख में म्हारे हाजिर रहीजे - 2 आवा नमता नमता
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
एक तो मने गाडी दिजे और दे मीठी वाणी - 2
हर पुनम पे नाकोड़ा में -2 भक्ति करुं मैं थारी
म्हारा नाकोडा रा नाथ…
दीवाना तेरा आया
दीवाना तेरा आया दादा तेरी नगरी में ….-2
दीवाना तेरा आया दादा तेरी नगरी में ….-2
नजराना दिल का लाया - 2 दादा तेरी नगरी में …
दीवाना तेरा आया दादा तेरी नगरी में ….-2
मैं दीवाना, मैं दीवाना मैं दीवाना हो गया-2
मैं मस्ताना मस्ताना मस्ताना हो गया-2
यूँ तो हज़ारो मंजर देखे हैं हसीं मैंने-2
दिल ने सुकून पाया रे दादा - 2,दादा तेरी नगरी में ……
नजराना दिल का लाया - 2 दादा तेरी नगरी में …
मैं दीवाना हो गया रे मैं दीवाना हो गया-2
दादा को भूलकर कही और कैसे जाऊ-2
सब कुछ तो यही पाया रे दादा-२ दादा तेरी नगरी मे
नजराना दिल का लाया - 2 दादा तेरी नगरी में …
मैं दीवाना, मैं दीवाना मैं दीवाना हो गया-2
आते हे नाकोड़ा नगरी लाखो है नर नारी-2
मोही मंडल आया रे दादा -2 दादा तेरी नगरी मे
नजराना दिल का लाया दादा तेरी नगरी में …
दीवाना तेरा आया दादा तेरी नगरी में ….-2
नजराना दिल का लाया रे लाया - 2 दादा तेरी नगरी में …
मैं दीवाना, मैं दीवाना मैं दीवाना हो गया-2
मैं मस्ताना मस्ताना मस्ताना हो गया-2
सुन लो अर्जी
तेरे दरबार वो ही फरियाद आती हैं,
जिसकी तु चाहे दादा, पुरी हो जाती है ।
तेरे दर पे सर झुकाएं मैं भी तो आया हूं,
जिसकी भी बिगड़ी हैं उसकी बन जाती हैं ॥
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं,
छोड़ दे कष्ट तेरे हवाले, पर कर दे या मुझको डुबो दे,
दिल भी जिद पे अड़ा है ये दादा, छोड़ कर तेरा दर मैं ना जाऊं,
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
एक तेरे भरोसे पे दादा,तोड़ रिश्ते तमाम आ गया हूं ।
ना ही तेरे सिवा दुजा कोई,मैं शरण तेरी आज आ गया हूं ।
तु ही मेरा आसरा हैं, तु ही हैं दिलासा,
तु ही समझे हैं दादा, दिल की ये भाषा ॥
तु तो हारे का, तु तो हारे का साथी हैं
जिसकी तु चाहे दादा, पुरी हो जाती है ।
तेरे दर पे सर झुकाएं मैं भी तो आया हूं,
जिसकी भी बिगड़ी हैं उसकी बन जाती हैं ॥
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं,
छोड़ दे कष्ट तेरे हवाले, पर कर दे या मुझको डुबो दे,
दिल भी जिद पे अड़ा है ये दादा, छोड़ कर तेरा दर मैं ना जाऊं,
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
एक तेरे भरोसे पे दादा,तोड़ रिश्ते तमाम आ गया हूं ।
ना ही तेरे सिवा दुजा कोई,मैं शरण तेरी आज आ गया हूं ।
तु ही मेरा आसरा हैं, तु ही हैं दिलासा,
तु ही समझे हैं दादा, दिल की ये भाषा ॥
तु तो हारे का, तु तो हारे का साथी हैं
दादा,तेरे होते मैं कैसे हार जाऊं ॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
तुने लाखो की बिगड़ी सवारी,काम क्यों फिर मेरा टल रहा हैं ।
तेरे भक्तों का परिवार दादा,तेरे ही रहमत पे पल रहा हैं ।
मेरी ये जिंदगी भी, तेरे हवाले,
तु ही रखवाले दादा, तु ही संभाले ॥
तु अगर ना, तु अगर ना सुनेगा जो दिल की,
बात किसको मैं जाकर सुनाऊं ॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
मैंने सबसे सुना हैं ये दादा मेरे,तुम लगाते हो दुःखियों को अपने गले ।
ऐसा क्या हमने तुमसे हैं मांगा दादा,इतना देने में क्यों घबराते दादा ।
तुम ना बनाओगे जो काम हमारा,
होगा बदनाम दादा नाम तुम्हारा ।
बात भक्तों की, बात भक्तों की सुन लो ओ बाबा,
कब तलक तुमको दादा रिझाऊं ॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं,
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं॥
मैंने सबसे सुना हैं ये दादा मेरे,तुम लगाते हो दुःखियों को अपने गले ।
ऐसा क्या हमने तुमसे हैं मांगा दादा,इतना देने में क्यों घबराते दादा ।
तुम ना बनाओगे जो काम हमारा,
होगा बदनाम दादा नाम तुम्हारा ।
बात भक्तों की, बात भक्तों की सुन लो ओ बाबा,
कब तलक तुमको दादा रिझाऊं ॥
सुनलो अर्जी बाबाजी, सुनलो अर्जी भैरूजी, सुनलो अर्जी हम सबकी,
सुन लो अर्जी मेरी भैरू दादा, तुझको फरियाद दिल की सुनाऊं,
नाकोड़ा भैरूजी रो परचो भारी
नाकोड़ा भैरूजी रो परचो भारी-2
बटुक भेरू जाने दुनिया सारी, उनरी लीला न्यारी
नाकोड़ा भेरू जी ओ नाकोड़ा भेरू जी रो
कोई केशर की पूजा करावे,फूल बरख री आंगी रचावे
कोई इत्र रो टीको लगावे ,तेल धार सूं कोई नहरावे।
श्रीफल, मातर,सुखडी, नेवेद्य,भोग लगावे -२
भेरू भक्तिरा लाडू सु होवे होवे राजी
एक हाथ में खड़ग रणके, दूजे हाथ में त्रिशूल जमके
तीजे हाथ में खप्पर खड़के,हाथ चोथे में डमरू डम डम डमके,
मेवा राणा ने जगावी, फौज भमरो री उड़ावी
सेना पल में बाविसी री दूर भगावी
पंखीडा पंखीडा
पंखीडा हो... पंखीडा, पंखीडा हो... पंखीडा
पंखीडा तु उडीने जाजे नाकोड़ा जी रे...
मारा भेरूदादा ने जाएने कहजे तारा भक्त आवे रे...
पंखीडा हो...हो... पंखीडा, पंखीडा ओ... पंखीडा
गाम गामथी मालीडा तमे वहेला आवो रे,
मारा प्रभुजी ने काजे रूडा फुलडा लावो रे,
चंपो लावो, गुलाब लावो... मोगरा लावो रे,
मारा दादानी तमे सुन्दर आंगी रचावो रे... पंखीडा
गाम गामथी सोनीडा तमे वहेला आवो रे,
मारा प्रभुजीने काजे सुंदर आंगी लावो रे,
मुगट लावो, कुंडल लावो... सारा लावो रे,
मारा दादाने तमे सुन्दर आभूषण पहेरावो रे... पंखीडा
गाम गामथी झवेरी तमे वहेला आवो रे,
मारा प्रभुजी के काजे सुन्दर हार लावो रे,
हीराना लावो, माणकना लावो, मोतीडा लावो रे,
मारा दादाने तमे सुन्दर हार पहेरावो रे... पंखीडा
गाम गामथी भक्त तमे वहेला आवो रे,
मारा प्रभुजीनी तमे सुन्दर भक्ति करजो रे,
पूजा भणावो, भावना भावो, गीतड़ां गावो रे,
मारा दादानी तमे सुंदर भक्ति करजो रे... पंखीड़ा
वो वर्धमान महावीर कठे
(तर्ज : महाराणा प्रताप....)
त्रिशला मां थारो लाल कठेऽऽऽ(2), मायड थारो लाल कठे,
वो जैन धर्म री भाल कठे,
दुनिया में बढ़ गयो पाप घणो ओ...ओ...(2),
वो वर्धमान महावीर कठे, त्रिशला माँ थारो....
धरती रो पाप मिटावणनेऽऽऽ(2), अब पड़ी जरुरत थारी हैऽऽऽ,
हो रह्यो है अत्याचार घणोऽऽऽ(2), जालीम ने बाजी मारी हैऽऽऽ,
जो जुल्म करे सरेआम फिरेऽऽऽ(2), इंसाने हिंमत हारी है, कलीयुगरी काळी छाया में महावीर अवतार जरुरी है,
चंदनबाला ने तारीयों (2), वो तरुण तपस्वी नाथ कठे,
त्रिशला माँ थारो…
टुकड़ों में धर्म बाट लियोऽऽऽ(2), बटवारो कर दियो इंसानेऽऽऽ, जीयो-जिने दो भुल गयाऽऽऽ(2) और अपनावे है हिंसानेऽऽऽ
अब पाप रा सिक्का चालरिया (2) और सज्जन खाली हाथमळेऽऽऽ, अठे झूठ तो पग-पग पर चाले और सच्चाई सरे आम मरे,
ओ साची प्रीत निभावनीयो ओ.ओ.(2) वो शांत सरल बलवान कठे,
त्रिशला माँ थारो....
धन दौलत ये है खेल अठेऽऽऽ(2), स्वार्थ री दुनियादारी हैऽऽऽ,
भाई ने भाई मार देवेऽऽऽ(2), मतलब री रिश्तेदारीऽऽऽ,
किस किसको दोष बताऊँ मैं..मैं (2) खुद मन की मती अब मारी है, माँ-बाप ने समझे कोनी अठे और ममता ठोकर खा रही हैऽऽऽ,
वो कांधे तीरथ करावनीयो...यो (2) वो श्रवण जेडी संतान कठे,
त्रिशला माँ थारो…
मेरे सर पे सदा तेरा हाथ
दोहा -- जिसने भी तेरे चरणों में, सर को झुकाया है,
मेरे शत्रुंजय वाले दादा, तुने गले से लगाया है,
ओ दादा तेरे चरणों में करता हुं फरीयाद मैं,
सारा जहाँ ने ठुकराया तो, आये तेरे पास मैं,
करुणा का सागर तु, दया का भंडार है,
माँ की ममता तु ही, पिता का प्यार है,
मेरे सर पे सदा तेरा हाथ रहे (2) (ओ दादा)...
मेरे दादा तु हमेशा मेरे साथ रहे (2),
मेरे सर पे सदा तेरा हाथ रहे (2)
मेरे शत्रुंजय के दादा मेरे साथ रहे (2),
जैसे सूरज प्रकाश दोनों साथ रहे (2),
मेरे दादा तू हमेशा मेरे साथ रहे…
ऐ मालिक जिसने भी तेरा नाम लिया है,
तूने उसका पूरा घर भर दिया है,
अंधे को दिखाया, भटके को राह दिखाया है,
उजड़ी हुई दुनिया तूने फिर से बसाया है,
मेरी नैय्या बिच में, किनारा चाहिए,
ओ दादा मुझे बस इतना सहारा चाहिये,
अंधेरो में जैसे चीराग रहे (2) (ओ दादा)...
शत्रुंजय है साँचा, सारे संसार में,
सब कुछ मिल जाता है दरबार में,
सोया हुआ नसीब, फिर से जाग जाता है,
तेरे दरबार में आया, पापी भी तर जाता है,
साधु श्रृंगार भी ना दुनिया का कमाल हो,
ऐ दादा मेरी झोली में इतना ही डाल दे,
चाहे धन और दौलत ना पास रहे (2) (ओ दादा)...
ना ओसवाल मुझे कहना
- (तर्ज : बंधन तो प्यार का बंधन है)
ओ...ओ...ओ...ओ...ओ...ओ...ओ...ओ...
ना ओसवाल मुझे कहना, ना पोरवाल मुझे कहना,
श्वेतांबर-दिगंबर का कोई नाम ना मुझ को देना,
श्रावक हीऽऽऽ मेरी पहचान है, मैं जैन हुऽऽऽ यही सम्मान है, ना ओसवाल मुझे कहना…
प्रभु महावीर की वाणी समझायी सब संतोनेऽऽऽ
संतो के उपदेश मगर बट गये पंथों में,
संतो को दोष ना देना, पंथो को गलत ना कहना,
अनकांत की दृष्टी से उपदेशों को समझना,
श्रावक हीऽऽऽ मेरी पहचान है…
जैसे बाग में फुल हजारो सब की खुशबु न्यारी,
धर्म से भी कई रुप बताती अपनी ये फुलवारी,
क्रिया से अलग-अलग है, मंजिल है मोक्ष ठिकाना,
चाहे जो विधी अपनाओं, भावों को शुद्ध बनाना,
श्रावक हीऽऽऽ मेरी पहचान है...।
आवो धर्म की ज्योती में हम भी अपना तेज मिलाये,
सत्य-अहिंसा की ताकत से नये इतिहास सजाये,
हर हाल में धर्म को लाना, तिलक का मान बढ़ाना,
पंथो को घर तक रखना, बाहर सब एक हो जाना,
श्रावक हीऽऽऽ मेरी पहचान है... 'ओ..ओ..ओ..ओ..ओ...ओ...ओ...ओ…
सनेडो
ऐ सनेडो आयो आज, ऐ सनेडो आयो,
ऐ पारसनाथ ना नाम नो, ऐ सनेडो आयो,
पारसनी धुन संग गाए लाल सनेडो, पारस ना गुणला गाए लाल सनेडो.
पारस नो महिमा मोटो गाए लाल सनेडो, पारस ना चमत्कार गाए लाल सनेडो,
दादा नी भक्ति करजो लाल सनेडो, दादा नो जयकार गाए लाल सनेडो,
ऐ सनेडो (2) हाँ बळजो लाल सनेडो,
दादा नो जय (2), पारस नो जय (2)
ये शंखेश्वर सोहामणो, जय शंखेश्वर भगवान,
कलिकाल मा कल्पतरु, दे पुनम नी जागा भराए लाल सनेडो...सनेडो...1
ये कणी दरवाजे बिराजता, कल्याण पारसनाथ,
कुडी कुआ मा थी प्रगट थया, श्री कल्याण पारसनाथ लाल सनेडो..सनेडो..2
ये मेहसाणा ना राजवीर, नामे मेहसाजी,
पुत्र प्रभुजी ए आपीयो, मन रंजन राजा नो नाथ लाल सनेडो...सनेडो...3
ये कोटी मा बिराजता, सम्मेत शिखर पारसनाथ,
24 तीर्थंकरों मा थी, वीस तीर्थंकर पामीया निर्वाण लाल सनेडो...सनेडो...4
ऐ शीरपुर सोहामणो, त्या अंतरिक्ष पारसनाथ,
पूर्व आकाश मां अधर सात हाथ, अति मूर्ति छे प्राचनिवात लाल सनेडो..सनेडो..6
ऐ भारत ना कण-कण मां, अने जन-जन मां छे वास,
"ता एला चरणे चुमे, अने नमन करें मंडल लाल सनेडो..सनेडो..
दुनियाँ का सहारा क्या लेना
- स्थाई -
दुनियाँ का सहारा क्या लेना, तेरा एक सहारा काफी है,
कुछ कहने की क्या जरूरत है, तेरा एक इशारा काफी है,
दुनियाँ का सहारा...
...अन्तरा…
धन दौलत का क्या करना है? इन महलों में क्या रहना है?
जिन्दगानी (2), चार दिनों की है, चरणों में गुजारा काफी है,
दुनियाँ का सहारा...1
माना दुनियाँ रंगीन तेरी, हर चीज बनाई है तूने,
देखें तो (2) क्या देखें भगवान, तेरा एक नजारा काफी है,
दुनियाँ का सहारा…2
बैकुण्ठ यहीं और स्वर्ग यहीं, मुझे मुक्ति का क्या करना है,
प्रभुवर को (2) नमन किया मैं करु, मिल जाये दारा काफी है,
दुनियाँ का सहारा...3
सोना रो बाजोटीयो रे
सोना रो बाजोटीयो रे, मोतीडे सु जडीयो
थोने ओ त्रिशलाजी रा जाया ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
पालणिये पोढावु थोने हालरिये हुलराऊ।
सिद्धारथ सरिखा थोरा बाबा ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
झबला ने टोपी. थोरा मोमा मोमी लावे। |
घुंगर री रणकारे रमाडु ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
पांच वरसे थोने भणवा ओ मेलु ।
भणी ने गणीने मोठा हुआ ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
घणा रे हुशे शथी थोरा लगन लिखाऊ
ढोलो रे धमेडे परणाऊ ओ महावीरजी
थोने पालणिये पोढावु... सोना
देर मत करजो
देर मत करजो रे - भेरु मारा जग धणी |
समरू धूप लगाये - भेरु भर झालो रे,
धूप रे धमाडे - भेरु वेगा आवजो
झालर री झणकार - भेरू भर झालो रे,
डोल रे -धमाडे रे - भेरु वेगा आवजो
पायला री झणकार - भेरू भर झालो रे,
दरशन ने तररसु रे - दरशन देगा आपजो
परचो पगर दिखाये - पोर भर झालो रे,
आरती उतरे रे - डमरू डम डमे
कर दे लिला लैर - भैरू भर झालो रे,
देर मत कर जो रे....।
तीर्थ महिमा
थोने पुकारो मैं तो बार बार ओ, म्हारा आदिनाथ हो
राजा शत्रुंजय रा धणिया ।स्थाई।
ऊंचा डंगर गेरीझाडी, घुमट रो नजारो ओ ।
सोना रा सूरज रा जेंडो, इंडा से चमकारो ।
जिणमें बिराजे मारा आदिनाथ हो...
राजा शत्रुंजय रा।।१।।
दुजोडा तीरथ री शोभा, म्हासू कही न जावे ओ
राणकपुर दुनिया में छावो, पंच तीरथ रो राजा हो ।
जिणरा थांबलिया गिनता लागे वार ओ..।
राजा शत्रुंजय रा ।।२।।
गढ़ चढता आबुजी म्हाने, थाक घणेरो लागे हो
देराण्यो जेठाण्यो रा, गोखलिया प्यारा लागे हो ।
दर्शन करवा री माने, लागी प्यास हो...
राजा शत्रुंजय रा ।।३।।
रावण जेडी मोटी हस्ती, अष्टावद गीरी यो हो ।
नव विधियों सूं नाटक करने, प्रभु रिझावण लागो हो
‘नाकोड़ा भैरव भक्ति मंडल’ - गावे थोर गीत हो..
राजा शत्रुंजय रा।।४।।
वधाई
रजा आपो हवे दादा, अमारी वात थई पूरी (2),
अधूरी वात छे तोये, आ मुलाकात थई पूरी, अमारी…
कर्या कामण तमे ओवा, अमे तारा बनी बेठा,
तमारी प्रीतमां घायल, अमे घेला बनी बेठा,
तमे आधार थई बेठा, अमे लाचार थई बेठा...अमारी वात...1
तमे सरीता तणी लहेरो, तमे सागर घणो गहेरो,
तमारा स्मीत ना पुष्पों, अने झाकल भीनो चहेरो,
तमारा मुख ने जोयु, हवे फरीयाद थई पूरी...अमारी वात...2
स्मरण तारुं हमेशा दे, मरण टाळे समाधि दे,
रहे निर्लेपता सुख मां, अने दुःख मां दिलासो दे,
फक्त जो आटल आपो, अमारी मांगणी पूरी...अमारी वात...3
अमे तो रात ने दिवस, तमारा गुणला जाता,
तोये शाजे आ दुनियामां, दुःखोंना वीतरा वाता,
तमे मोक्षे जदे बेठा, अमे संसारमा पेटा...अमारी वात...4
बधाई
मारा नाथनी बधाई बाजे छे
मारा प्रभुनि बधाई बाजे छे …..
शरणाई सुर नौबत बजे
और घ -न -न -न -न गाजे छे
मारा नाथनि …………
इन्द्र-इन्द्राणी मिल मंगल गावे
मोतियन री चौक पुरावे छे
मारा नाथनी …………
सेवक प्रभुजी ने अर्ज करे छे
चरणों नी सेवा प्यारी लगे छे
मारा नाथनी …………
मारा नाथ नी बधाई ,
दीनानाथ री बधाई ,
प्रभुनाथ नी बधाई वागे छे……